नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के मौके पर अटल भू-जल योजना की शुरुआत की। इसके जरिए भूजल का प्रबंधन किया जाएगा और हर घर तक पीने के स्वच्छ पानी को पहुंचाने की योजना पर काम होगा। एक दिन पहले ही मंगलवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई थी।
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गौरतलब है कि अटल भूजल योजना को 12 दिसंबर को ही वर्ल्ड बैंक की ओर से मंजूरी मिली है। 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की होगी, जबकि आधा हिस्सा वर्ल्ड बैंक की ओर से खर्च किया जाएगा।
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इस योजना को जल संकट से प्रभावित उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा। इन राज्यों का चयन भूजल की कमी, प्रदूषण और अन्य मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
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सरकार का दावा है कि इस योजना से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 8,350 गांवों को लाभ मिलेगा। सरकार के मुताबिक पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना पर पांच साल में 6,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
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ग्राम पंचायत स्तर पर जल सुरक्षा के लिए काम किया जाएगा। भूजल के संरक्षण के लिए शैक्षणिक और संवाद कार्यक्रमों को संचालित किया जाएगा।इस स्कीम में आम लोगों को भी शामिल किया जाएगा। वाटर यूजर एसोसिएशन, मॉनिटरिंग और भूजल की निकासी के डेटा संकलन की मदद से इसे आगे बढ़ाया जाएगा।