पटना, 15 सितम्बर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जब शासन पर स्वार्थ नीति हावी हो जाती है और वोट बैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग पर पडता है जो प्रताड़ित, वंचित और शोषित है।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार में ‘नमामि गंगे’ और अमृत योजना के अंतर्गत शहरी विकास से जुड़ी 541 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं का मंगलवार को उद्घाटन व शिलान्यास करने के दौरान यह बात कही।
इस दौरान उन्होंने बालिका शिक्षा, स्थानीय निकायों में समाज के वंचित तबकों को प्रतिनिधित्व और विकास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ भी की।
किसी का भी नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में एक समय कद्दावर और दूरद्रष्टा नेता हुआ करते थे, लेकिन एक समय आया जब शासन से ध्यान भटक गया।
मोदी ने कहा कि शासन की जगह निजी हितों ने ले ली और वोट बैंक की राजनीति ने व्यवस्था को दबा दिया। उन्होंने यह बात 15 वर्षों के लालू प्रसाद की पार्टी राजद के शासन और उससे पहले की कांग्रेस सरकारों के संदर्भ में कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और विकास कार्यों के संबंध में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में 57 लाख से ज्यादा परिवारों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान ने इसमें बहुत बडी भूमिका निभाई है ।
मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से हजारों श्रमिक दूसरे राज्यों से बिहार लौटे। उन लोगों ने यह काम किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन की यह तेजी बिहार के मेरे परिश्रमी इन साथियों को ही समर्पित है ।’’
मोदी ने कहा कि पूरे बिहार में अमृत योजना के तहत लगभग 12 लाख परिवारों को शुद्ध पानी के कनेक्शन से जोड़ने का लक्ष्य है । इसमें से करीब 6 लाख परिवारों तक यह सुविधा पहुंच चुकी है । बाकी परिवारों को भी बहुत जल्द स्वच्छ जल की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
मोदी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है, वह इसी संकल्प का हिस्सा है ।
मोदी ने कहा कि साल 2014 के बाद से एक प्रकार से बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं का करीब-करीब पूरा नियंत्रण ग्राम पंचायत या स्थानीय निकायों को दे दिया गया है। अब योजनाओं की प्लानिंग से लेकर अमल और उनकी देखरेख स्थानीय निकाय स्थानीय जरूरतों के हिसाब से कर पा रहे हैं । यही कारण है कि अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के ढांचे में निरंतर सुधार हो रहा है ।
उन्होंने कहा कि मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते चार पांच सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। आने वाले वर्षों में बिहार देश के उन राज्यों में होगा जहां हर घर में पाइप से पानी पहुंचने लगेगा। यह बिहार के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि और प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली बात होगी। इस बडे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कोरोना के इस संकटकाल में बिहार के लोगों ने निरंतर काम किया है ।
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं।
भाषा अनवर
पवनेश दिलीप
दिलीप
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