कीव। PM Modi Visit Ukraine : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूक्रेन दौरे पर हैं। राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी का जोरशोर से स्वागत किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच कई अहम मुद्दों पर वार्ता के बाद भारत और यूक्रेन ने चार बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और यूक्रेन के बीच हुआ यह समझौता बेहद खास है। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता का BHISHM क्यूब सौंपा। जो भारत का पहला पॉर्टेबल अस्पताल है।
#WATCH यूक्रेन: भारत ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता का BHISHM क्यूब सौंपा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को सहायता सौंपी।
(सोर्स: डीडी न्यूज) pic.twitter.com/GyxnHrfJ0A
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2024
भारत ने दुनिया का सबसे छोटा और पोर्टेबल इमरजेंसी अस्पताल बनाया है। यह अस्पताल पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बना है। आरोग्य मैत्री के BHISM हेल्थ क्यूब नाम का ये अस्पताल 36 चौकोर खानों में बंद है। ये इतना छोटा है कि इसे कहीं भी एयर लिफ्ट करके आसानी से ले जाया जा सकता है। यहां तक कि इसे साइकिल के अलावा इंसान और ड्रोन भी आपदा वाले स्थान तक ले जा सकते हैं। किसी भी आपदा की स्थिति में इसे घटनास्थल पर ही 10 से 50 मिनट के भीतर अस्पताल के रुप में तैयार किया जा सकता है।
इस पोर्टेबल इमरजेंसी अस्पताल में आईसीयू, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, बेड्स, दवाएं और खाने का सामान भी मौजूद हैं। इस अस्पताल के जरिए 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है और 100 मरीजों को 48 घंटे तक बेड्स पर रखा जा सकता है। खास बात यह है कि इस अस्पताल को पूरी तरह से सोलर एनर्जी और बैटरी की मदद से चलाया जा सकता है। टेस्ट करने की लैब, वेंटिलेटर, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड मशीन जैसे उपकरण से लैस इस अस्पताल में वो सब कुछ है जो किसी आधुनिक अस्पताल में होने चाहिए।
भारत और यूक्रेन के बीच कृषि, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता में सहयोग के लिए कुल चार समझौते हुए हैं। इससे पहले ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी थी। यह समझौता कृषि और खाद्य उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का प्रावधान करता है। इसके तहत अब दोनों देशों के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा, जिसका कार्य चिन्हित क्षेत्रों में सहयोग की योजना पर चर्चा करना और निर्धारित कार्यों के कार्यान्वयन की निगरानी करना होगा।