नई दिल्ली। Pitru Paksha is starting इस साल 2022 में पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरु हो रहा है, जो आश्विन माह यानी 25 सितंबर तक रहेगा। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार इस बार श्राद्ध पक्ष से प्रारंभ हो रहा है। पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए तर्पण और श्राद्ध किए जाते है। पितृपक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
Pitru Paksha is starting ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पितृपक्ष में कोई भी नई चीज की खरीददारी नहीं करना चाहिए। हालंकि ये किसी ग्रंथ में नहीं लिखा है। लेकिन पुराणों और ग्रंथो में पितरों के लिए श्राद्ध की बात कही गई है। ग्रंथो के अनुसार मृत्यु सूतक में ही शुभ कार्यों के लिए खरीदारी नहीं की जा सकती। वहीं पितृपक्ष में गलत कार्याें से बचना चाहिए। पितृपक्ष में पितृ हमारे घर आते हैंए जो कि खुशी का समय है। उनका श्राद्ध करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। सोलह दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष में केवल मांगलिक कार्य करना अशुभ बताया गया है।
वहीं इस पक्ष में व्यसन और मांसाहार को पूरी तरह से वर्जित माना गया है और श्राद्ध पक्ष में मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। वहीं श्राद्ध रात्रि में नहीं किया जाता। श्राद्ध का समय दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच उपयुक्त माना गया है। पितृपक्ष में गायत्री मंत्रए ॐ सर्व पितृदेवताभ्यो नमरूए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का उच्चारण करना चाहिए।
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1. शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितर देवता घर पर किसी भी रूप में आ सकते हैं। इसलिए घर की चौकट पर आए किसी भी पशु या व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। दहलीज पर आने वाले हर शख्स को भोजन कराना चाहिए और आदर करें।
2. पितृपक्ष में चना, दाल, जीरा, नमक, सरसों का साग, लौकी और खीरा जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
3. किसी तीर्थस्थल पर पितरों के तर्पण और श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि गया, बद्रीनाथ या प्रयाग में श्राद्ध से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जिन लोगों को विशेष स्थान पर श्राद्ध नहीं करना होता, वह घर के किसी भी पवित्र स्थान पर कर सकते हैं।
4. पितृपक्ष में श्राद्ध आदि शाम, रात या तड़के नहीं किया जाता है। यह हमेशा दिन में ही किया जाता है।
5. पितृपक्ष में कर्मकांड करने वाले व्यक्ति को बाल और नाखून काटने की मनाही होती है इसके अलावा उसे दाढ़ी भी नहीं कटवानी चाहिए।
6. पितृपक्ष में किसी भी शुभ कार्य को करने या नई चीज खरीदने की मनाही होती है।
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