पीलीभीत मुठभेड़: संदिग्ध आतंकी गरीब परिवारों से थे |

पीलीभीत मुठभेड़: संदिग्ध आतंकी गरीब परिवारों से थे

पीलीभीत मुठभेड़: संदिग्ध आतंकी गरीब परिवारों से थे

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Modified Date: December 24, 2024 / 04:17 PM IST
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Published Date: December 24, 2024 4:17 pm IST

गुरदास (पंजाब), 24 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन संदिग्ध खालिस्तानी आतंकवादी गरीब परिवारों से थे और उनके परिजनों को यह विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि वे इस तरह की किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल भी हो सकते हैं।

पंजाब के गुरदासपुर में हाल ही में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने के मामले में कथित रूप से संलिप्त तीन संदिग्ध खालिस्तानी आतंकवादी सोमवार को पीलीभीत में उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए।

तीनों खालिस्तानी आतंकवादी ‘खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स’ के सदस्य थे और इनकी पहचान कलानौर का अगवान निवासी वारिन्दर सिंह उर्फ रवि (23), कलानौर का भैणी बनिया मोहल्ले का निवासी गुरविंदर सिंह (25) और शूर खुर्द का रहने वाला जशनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) के रूप में हुई है।

इन तीनों पर कलानौर में बख्शीवाला पुलिस थाने पर हमला करने का आरोप है। हाल ही में हुई बख्शीवाला घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।

दो आरोपियों के परिजनों ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि वे उत्तर प्रदेश में कैसे पहुंचे।

गुरविंदर के परिवार ने घर पर संवाददाताओं को बताया कि वह पिछले सप्ताह पंजाब के बटाला चला गया था लेकिन बाद में उसका फोन बंद आने लगा।

गुरविंदर के पिता गुरदेव सिंह एक मजदूर हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें यकीन नहीं हो रहा कि वह ऐसा कुछ करने के बारे में सोच भी सकता है।’’

उन्होंने कहा कि एक युवक की नहर में डूबने से हुई मौत के बाद उनके बेटे (गुरविंदर) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। परिजनों ने हालांकि दावा किया कि उनके बेटे को इस मामले में फंसाया गया था।

गुरविंदर की मां सरबजीत कौर ने बताया कि एक रिश्तेदार को बटाला छोड़ने के लिए घर से निकलते समय उसने कहा था कि वह जल्द ही वापस आ जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारा इकलौता बेटा था… हमें नहीं पता कि वह उत्तर प्रदेश कैसे पहुंचा। हमारा सबकुछ लुट गया।’’

जशनप्रीत सिंह भी एक गरीब परिवार से था।

जशनप्रीत की मां परमजीत कौर ने दावा किया कि उसने जीवन भर कभी कोई गैरकानूनी काम नहीं किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि क्या हुआ और वह वहां (उत्तर प्रदेश) कैसे पहुंचा।’’

जशनप्रीत ने बताया कि उनका बेटा एक सप्ताह पहले घर से चला गया था और उसने हमसे कहा था कि वह व्यावसायिक वाहन चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहता है।

अगवान में वरिन्दर का घर बंद मिला। कुछ स्थानीय लोगों का ने दावा किया कि वह ट्रक चालक था।

भाषा प्रीति नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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