निजी संस्थानों को परमाणु लाइसेंस जारी करने पर रोक के खिलाफ भौतिक विज्ञानी की याचिका खारिज |

निजी संस्थानों को परमाणु लाइसेंस जारी करने पर रोक के खिलाफ भौतिक विज्ञानी की याचिका खारिज

निजी संस्थानों को परमाणु लाइसेंस जारी करने पर रोक के खिलाफ भौतिक विज्ञानी की याचिका खारिज

:   Modified Date:  September 17, 2024 / 08:15 PM IST, Published Date : September 17, 2024/8:15 pm IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अमेरिका में रहने वाले एक भौतिक विज्ञानी की परमाणु ऊर्जा अधिनियम के उस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसके तहत निजी संस्थानों को परमाणु सामग्री के सौदे के लिए लाइसेंस जारी करने पर रोक है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि परमाणु ऊर्जा लाइसेंस का दुरुपयोग किया जा सकता है, जिसमें बम बनाना भी शामिल है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कानून उचित रूप से निजी संस्थानों को परमाणु ऊर्जा लाइसेंस जारी करने पर प्रतिबंध लगाता है।

उसने यह भी कहा कि इसके अलावा, यह एक नीतिगत मामला है, जिनमें अदालतें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “इनका (परमाणु सामग्री) बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। दुरुपयोग संभव है और यही कारण है कि परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत प्रतिबंध लगाया गया है।”

अमेरिका में रहने वाले भौतिक विज्ञानी संदीप टीएस ने परमाणु ऊर्जा अधिनियम की धारा-14 की वैधता को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि एक निजी कंपनी को भी परमाणु ऊर्जा परियोजना का हिस्सा बनने की अनुमति दी गई है।

पीठ ने कहा, “हमें कार्यपालिका के तर्क और संसद द्वारा अधिनियम में उक्त प्रावधान किए जाने के संबंध में कोई त्रुटि नहीं मिली।”

उसने कहा कि “दुरुपयोग” और परमाणु हादसे की आशंका को देखते हुए वह याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है।

पीठ ने कहा कि यह कानूनी प्रावधान “मनमाना” नहीं है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है।

भाषा पारुल माधव

माधव

 

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