नई दिल्ली। त्यौहारी सीजन में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। पेट्रोल-डीजल को छह रुपये तक महंगा किया जा सकता है। केंद्र सरकार इन दोनों उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने जा रही है। इससे पहले सरकार ने मई 2020 में पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ाई थी।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक इकोनॉमी को महामारी की वजह से काफी तगड़ा झटका लगा है। ऐसे में इकोनॉमी में जान फूंकने और नुकसान की भरपाई के लिए फंड्स की काफी जरूरत है। सरकार एक और राहत पैकेज का भी ऐलान कर सकती है। इन सभी के लिए फंड्स की जरूरत पड़ेगी जो कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से पूरी होगी।
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पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में हर एक रुपये की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है। असल में भारत अपनी जरूरतों का करीब 82 फीसदी क्रूड खरीदता है। ऐसे में क्रूड की कीमतें घटने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट भी घट सकता है।
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हालांकि ऐसी रिपोर्ट है कि आम जनता पर इसका बोझ कम डालने के लिए कुछ ऐसे फॉर्मूले पर काम जारी है, जिससे सरकार को अलग आमदनी हो जाए। माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दाम गिरने के बाद जितना पेट्रोल-डीज़ल सस्ता होना चाहिए था। अब वो नहीं होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल 45 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। सरकार इसका फायदा उठाना चाहती है।
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