कन्नूर, नौ जनवरी (भाषा) केरल के पेरिया में दोहरे हत्याकांड के चार आरोपियों का बृहस्पतिवार को जेल से रिहा होने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
केरल उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले मामले में आरोपी माकपा के चार सदस्यों की सजा निलंबित कर दी थी। इन चार आरोपियों में एक पूर्व विधायक भी शामिल है।
कन्नूर जिला सचिव एमवी जयराजन और वरिष्ठ नेता पी जयराजन सहित माकपा के कई वरिष्ठ नेता सुबह से ही उनका (आरोपियों का) स्वागत करने के लिए केंद्रीय कारागार के बाहर मौजूद थे।
जब चारों आरोपी जेल से बाहर आए, तो पार्टी नेताओं ने उनका लाल फूलों की मालाओं से स्वागत किया।
आरोपियों में पूर्व विधायक और माकपा की जिला इकाई के नेता केवी कुन्हीरामन, कन्हानगढ़ ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष के मणिकंडन, राघवन वेलुथोली और एवी भास्करन शामिल हैं।
कुन्हीरामन ने पत्रकारों से कहा कि उन चारों को ऐसी सजा दी गई जिसके वे हकदार नहीं थे लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं की क्योंकि उन्हें न्याय प्रणाली पर भरोसा था।
उन्होंने (आरोपियों ने) पार्टी के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और विश्वास जताया कि वे मामले में बरी हो जाएंगे। कुन्हीरामन ने कहा, “हमें इस मामले में इसलिए फंसाया गया क्योंकि हम पार्टी के नेता हैं।”
पी जयराजन ने चारों आरोपियों का स्वागत करने के बाद जेल के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई ने माकपा को हत्यारों की पार्टी के रूप में चित्रित करने के लिए एक राजनीतिक एजेंडा चलाया है।
उन्होंने कहा, “सीबीआई निष्पक्ष जांच एजेंसी नहीं है।”
माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने आरोपियों के स्वागत का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें माला पहनाकर स्वागत करने में कुछ भी गलत नहीं है।
गोविंदन ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से कहा, “हम उन लोगों का स्वागत क्यों नहीं कर सकते, जिन्हें राजनीतिक कारणों से झूठे मामले में फंसाया गया है?”
गोविंदन ने कहा कि पार्टी का युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं की हत्या में कोई हाथ नहीं है और उन्होंने मामले की सीबीआई जांच को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया।
इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने चारों आरोपियों के स्वागत की आलोचना करते हुए कहा कि इससे केरल की भावी पीढ़ियों को गलत संदेश जाता है।
पांच साल पहले कासरगोड जिले के पेरिया में युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के सिलसिले में सीबीआई अदालत ने तीन जनवरी को चारों को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।
भाषा जितेंद्र नरेश
नरेश
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