Pension Scheme: सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन संबंधी बातों को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। जिसके अनुसार 15000 प्रतिमाह से अधिक वेतन भोगियों का 1.16 फीसदी का पेंशन फंड में योगदान करने की शर्त को हटा दिया गया है। बांकी के संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन योजना, 2014 के अनुसार बरकरार रखा है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस यू .यू. ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने की हैं। जिसमें अन्य बातों का भी उल्लेख किया गया हैं। जिनमें पेंशन फंड, और दर को लेकर बात की गई हैं।
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पूर्ण सैलरी का 8.33 फीसदी कर पाएंगे जमा
Pension Scheme सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के अनुसार अब कर्माचारियों के सामने 15000 रुपये तक जमा करने का रिस्ट्रिक्शन नहीं रहेगा। जबकि अब वे पूर्ण सैलरी के 8.33 फीसदी पेंंशन फंड में जमा कर पाएंगे। ये वहीं कर्माचारी कर सकते हैं। जिन्होने 2014 सितंबर के बाद से कर्मचारी बीमा योजना में शामिल हुए हैं। अभी तक कर्मचारियों के सामने 15000 रुपये तक ही जमा कर पाने की एक फिक्स सीमा थी। जोकि अब हटा दी गई हैं।
ये है पूरा मामला
Pension Scheme सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 की कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना (Employee Pension Yojana) को “कानूनी और वैध” करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग अबतक नहीं किया है, उन्हें ऐसा करने के लिए 6 महीने का और समय व मौका दिया जाना चाहिए। कई कर्मचारियों को राहत देने वाला ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को दिया है।
Pension Scheme अगस्त 2014 में पेंशन योजना में संशोधन करते हुए पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई थी जो पहले 6,500 रुपये हर महीने थी।इससे मेंबर और उनके एंप्लॉयर के लिए वास्तविक सैलरी का 8.33 फीसदी योगदान संभव हो सका। था कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि सरकार पेंशन कोष ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड के न्यासियों की असाधारण बैठक बनाए ताकि शीर्ष अदालत के आदेश को जल्द लागू किया जा सके।
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