रायपुर। आपने एक से बढ़कर एक खतरनाक और क्रूर अपराधियों के बारे में देखा और सुना होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आए दो शातिरों में से एक ऐसा है, जिसकी करतूतों के बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ पुलिस ने विधानसभा के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच में सेंधमारी करने वाले दो चोरों में से एक को राजस्थान और दूसरे को हरियाणा से गिरफ्तार किया है, इन दोनों में से एक इतना क्रूर है कि एक बार उसने चोरी के दौरान युवती के पैर से पायजेब नहीं उतर पाने पर उसका पैर ही काट डाला था।
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करीब एक महीने पहले 24 और 25 नवंबर के बीच की रात छत्तीसगढ़ विधानसभा के पास स्थित एसबीआई बैंक की शाखा में सेंध मारकर तिजोरी से लाखों रुपये और लॉकर्स से सोना साफ कर दिया। एक तो राजधानी की वारदात और ऊपर से विधानसभा के पास बैंक, जाहिर है पुलिस के लिए ये केस सुलझाना बड़ी चुनौती बन गई। इस मामले को सुलझाने और अपराधियों तक पहुंचने के लिए बनी पुलिस टीम ने दिन-रात एक कर दिया और फिर कैसे मिला सुराग, अब हम आपको ये बताते हैं।
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चोरों ने बैंक की तिजोरी काटने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया था और सिलेंडर धनेली पुल के पास फेंक दिया था। इस सिलेंडर पर गैस एजेंसी का मार्क था, जिसके सहारे पुलिस उस एजेंसी तक पहुंची। गैस एजेंसी से सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को मिला पहला सुराग। दूसरे सुराग के नाम पर पुलिस के पास थी बीड़ी का एक टुकड़ा, जो सेंधमारी के दौरान पुलिस को स्टेट बैंक के ब्रांच में मिला था। बीड़ी तिल्दा और आसपास के इलाके में ज्यादा बिकती है, इसलिए पुलिस ने विधानसभा स्टेट बैंक से लेकर सिलेंडर फेंकने की जगह धनेली और तिल्दा के इलाकों में आने वाले मोबाइल टावर्स के जरिये उस रात की जाने वाली फोन कॉल्स की पड़ताल शुरू की। पड़ताल में दो मोबाइल नंबर ऐसे पाए गए, जो बाहर के थे। इन दोनों नंबरों की जांच में पता चला कि इनमें से राजस्थान का है और दूसरा हरियाणा का, अब पुलिस का शक गहराता जा रहा था, साथ ही तफ्तीश को दिशा भी मिलती जा रही थी, लेकिन अभी भी सेंधमार पुलिस की पहुंच से दूर थे।
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पुलिस के पास अब आरोपियों के मोबाइल नंबर, एक आरोपी की सीसीटीवी फुटेज हाथ लग चुके थे, साथ ही ये भी पता चल चुका था कि उनमें से एक बीड़ी पीता है। इन सुरागों के सहारे तफ्तीश आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने दोनों मोबाइल नंबर को फेसबुक पर डालकर चेक करना शुरू किया और यहां मिली एक बड़ी कामयाबी। पुलिस के सामने न सिर्फ दो आरोपियों के नाम आ गए, बल्कि उनका पूरा प्रोफाइल भी था। एक आरोपी का नाम अनिल पवार और दूसरे का राकेश कीर। गैस एजेंसी से मिली फुटेज से मिलाने पर अनिल पर शक पुख्ता हो गया। अनिल हरियाणा का रहने वाला है, गुड़गांव में उसका तीन मंजिला आलीशान बंगला है, उसके पास आईट-20 कार है और इसी के साथ एक और सनसनीखेज़ खुलासा ये हुआ कि वो आईटीबीपी का भगोड़ा जवान है।
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पुलिस एक साथ दोनों पर दबिश देना चाहती थी, ताकि वे एक-दूसरे को सतर्क करने में सफल न हो सकें। इसके लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं। राकेश कीर नाम का दूसरा आरोपी राजस्थान के सवाई माधोपुर का रहने वाला है और ये बेहद ख़तरनाक और क्रूर है। राकेश कीर की हिस्ट्रीशीट खंगालने पर पुलिस को पता चला कि ये इतना ख़तरनाक है कि पांच साल पहले एक बार जब वो एक मकान में सेंधमारी करके चोरी कर रहा था तो उसने एक युवती के पैर से पायजेब निकालने की कोशिश की। पायजेब पैर से निकालने में जब वो नाकाम रहा तो उसने युवती का पैर ही काट डाला था।
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दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब तीसरे चोर की तलाश में जुट गई है। दोनों के पास से बैंक से चुराए गए रुपयों में से 17 लाख नगद और 35 तोला सोना ज़ब्त किए गए हैं। ये गैंग इतना शातिर है कि इसके सदस्य हरियाणा और राजस्थान जैसे दूर-दराज के राज्यों के हैं, इसने वारदात छत्तीसगढ़ में किया और बैंक से चुराए गए सोने को खपाने के लिए उत्तर प्रदेश गए, जहां के सर्राफा बाज़ार में इन्होंने सोने को बेच दिया।
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अपराधी जब बार-बार वारदात को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं और कानून का पंजा उनतक नहीं पहुंच पाता तो उन्हें ये गुमान हो जाता है कि वो इतने शातिर हैं कि पुलिस उनतक पहुंच ही नहीं सकती। लेकिन, अपराधी ये भूल जाते हैं कि वो कितना भी चालाक क्यों न हों, मौका-ए-वारदात पर गुनाह का कोई न कोई ऐसा निशान, ऐसा सबूत छोड़ जाते हैं, जिनके सहारे कानून के लंबे हाथ उनकी गिरेबां तक पहुंच ही जाते हैं।
वेब डेस्क, IBC24