नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) संसद की एक स्थायी समिति ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए इनके अनुमोदन में तेजी लाने और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का संबंधित मंत्रालय से आग्रह किया है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर स्थायी समिति ने 2023-24 के दौरान 2,064.95 करोड़ रुपये की निधि का इस्तेमाल न होने को लेकर चिंता जताई है।
समिति ने बुधवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की,
इसने सिफारिश की कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समयसीमा का पालन करें। इसने साथ ही, देरी के लिए दंडात्मक प्रावधानों का प्रस्ताव दिया।
समिति की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके), छात्रवृत्ति कार्यक्रम और कौशल विकास योजनाओं जैसी पहलों को क्रियान्वित करने की चुनौतियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है।
समिति ने प्रक्रियागत देरी को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसके कारण पहले धन का कम उपयोग हुआ है।
समिति ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए शैक्षिक सहायता में व्यवधान रोकने के वास्ते त्वरित अनुमोदन की सिफारिश की।
समिति ने छात्रवृत्ति के अलावा मंत्रालय से अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आवासीय शिक्षा, मुफ्त कोचिंग और विदेश में अध्ययन सहायता जैसी नई पहलों का पता लगाने का आग्रह किया।
रिपोर्ट में अध्यक्ष पी सी मोहन ने जवाबदेही और समय पर कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘अल्पसंख्यक समुदायों का कल्याण इन योजनाओं के ईमानदार और प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवंटित संसाधन बिना किसी अनावश्यक देरी के जरूरतमंदों तक पहुंचें।’
भाषा सुरेश वैभव
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