पेपर लीक होने, हवाई अड्डों की छतों के हिस्से गिरने की घटनाएं सरकार की असलियत बताती हैं : विपक्ष |

पेपर लीक होने, हवाई अड्डों की छतों के हिस्से गिरने की घटनाएं सरकार की असलियत बताती हैं : विपक्ष

पेपर लीक होने, हवाई अड्डों की छतों के हिस्से गिरने की घटनाएं सरकार की असलियत बताती हैं : विपक्ष

:   Modified Date:  July 2, 2024 / 02:59 PM IST, Published Date : July 2, 2024/2:59 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) प्रश्न पत्र लीक होने, हवाई अड्डों की छतों के हिस्से गिरने और पुलों के ध्वस्त होने की घटनाओं को केंद्र की नरेन्द्र मोदी नीत सरकार की ‘असलियत’ करार देते हुए विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मंगलवार को उस पर विपक्ष शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण पर राज्यसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए द्रमुक सदस्य डॉ कनिमोझी एनवीएन सोमू ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सुशासन का दावा करती है लेकिन बीते दस साल को देखें तो कई प्रश्न पत्र लीक हुए, राम मंदिर में पानी लीक हुआ, हवाई अड्डों की छतों का हिस्सा गिरा और पुलों के साथ साथ अर्थव्यवस्था, मुद्रा, लोकतंत्र भी ध्वस्त हो गए।

उन्होंने शिक्षा को समवर्ती सूची से हटा कर राज्य सूची में लाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनगणना और भौगोलिक क्षेत्रों का परिसीमन भी किया जाना है। ‘‘आखिर अधूरे काम कब पूरे होंगे ? आप क्या केवल अपनी पीठ ही थपथपाते रहेंगे ?’’

कनिमोझी ने कहा ‘‘आर्थिक असमानता हमारे देश में एक बड़ी समस्या है और कई समस्याओं की जड़ भी है। सरकार लुभावने आंकड़े तो बताती है लेकिन वास्तव में उसके पास नए आंकड़े ही नहीं हैं। और जो आंकड़े उसके पास हैं, उनकी सचाई से वह भागती है।’’

उन्होंने केंद्र सरकार पर विपक्ष शासित प्रदेशों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के ठीक दो हफ्ते पहले राज्य के लिए विशेष पैकेज के तौर पर 63 करोड़ रुपये विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र द्वारा जारी करने के फैसले का ऐलान किया था लेकिन ‘‘आज तक एक रुपया भी जारी नहीं किया गया। यहां तक कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए भी राज्य को समुचित आर्थिक मदद नहीं दी गई।’’

कनिमोझी ने कहा कि भारतीय मुद्रा नहीं गिर रही है, अमेरिकी डॉलर गिर रहा है। उन्होंने कहा, लेकिन फिर भी दस करोड़ भारतीय रोजगार खो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए दिवास्वप्न दिखाए गए लेकिन आज तक उनकी आमदनी नहीं बढ़ी और तो और उनको न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी भी नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की समस्याएं पूरी तरह उपेक्षित हैं और उनकी ओर सरकार का ध्यान जाता ही नहीं।

कनिमोझी ने कहा कि काला धन विदेशों से लाने का वादा आखिर कब पूरा होगा, कह नहीं सकते। ‘‘सच सबको पता है।’’

उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित करने का श्रेय तो सरकार ने ले लिया लेकिन यह विधेयक हकीकत का रूप दस बरस बाद लेगा। ‘‘फिर यह विधेयक पारित करने का दिखावा क्यों किया गया? केवल अपनी पीठ थपथपाने के लिए ।’’

चर्चा में हिस्सा ले रहीं बीजू जनता दल की सुलता देव ने कहा कि पूरे अहंकार के साथ 400 पार का नारा देने वाली सरकार अब दूसरों के समर्थन से चल रही है जिससे साफ जाहिर होता है कि लोगों का उससे मोहभंग हो गया है।

उन्होंने कहा ‘‘चुनाव के लिए प्रचार किस तरह चलाया गया, यह सबने देखा है। लोकसभा चुनाव के लिए भी और विधानसभा चुनावों के लिए भी। बीजू जनता दल ने कई मुद्दों पर देश को ध्यान में रखते हुए सरकार का समर्थन किया था लेकिन हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री (नवीन पटनायक) के स्वास्थ्य को लेकर खुद प्रधानमंत्री ने सवाल उठाए।’’

हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी हुए। राज्य में बीजद को सत्ता से बेदखल कर भाजपा ने सरकार बनाई है।

बीजद सदस्य सुलता देव ने कहा ‘‘ओडिशा में जब नए मुख्यमंत्री ने शपथ ली थी तब समारोह में पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। तब तो सच सबके सामने आ ही गया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान बीजद प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में खूब भ्रम फैलाया गया।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ओडिशा के प्रख्यात जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार खोलने का वादा किया और खोल भी दिया लेकिन वहां भगदड़ मच गई और फिर प्रवेश के लिए एक और निकासी के लिए तीन द्वार नियत किए गए।

सुलता देव ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया लेकिन नीट परीक्षा किस तरह युवाओं को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है, यह देश देख रहा है। ‘‘कड़ी मेहनत करने वाले युवा पेपर लीक होने के बाद अपने अंधेरे भविष्य को कैसे देख रहे हैं, यह वे ही जानते हैं। उनकी पीड़ा कोई समझ नहीं सकता और सरकार तो बिल्कुल भी नहीं समझती। शिक्षा जरूरी है या हीरा व्यापारियों के लिए दो फीसदी जीएसटी जरूरी है ?’’

उन्होंने कहा कि ओडिशा में दस लाख आदिवासी तेंदू पत्ता संग्रह करने जाते हैं लेकिन आपने (केंद्र सरकार ने) तेंदू पत्ता पर पांच फीसदी जीएसटी बढ़ा कर 18 फीसदी कर दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बार बार केंद्र को पत्र लिखा लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

बीजद सदस्य ने कहा ‘‘आप बुलेट ट्रेन की बात करते हैं लेकिन ओडिशा के आठ जिलों में एक भी रेलवे लाइन नहीं है। ओडिशा बड़ा राजस्व केंद्र को देता है। हम बुलेट ट्रेन क्या करेंगे, हमारे पास तो आठ जिले सामान्य ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं।’’

सुलता देव ने कहा कि ओडिशा के कई हिस्से में बांध नहीं हैं, नेट कनेक्टिविटी नहीं है, आए दिन वहां बाढ़ और तूफान आते हैं। ‘‘हमारे बार बार अनुरोध किए जाने के बाद भी आप ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं देते।’’

सीपीआई (एम) के डॉ वी शिवदासन ने आरोप लगाया कि जिस अयोध्या में राम का भव्य मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया, वहां राम पथ से लेकिन कई योजनाओं में बड़े बड़े घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार होता है और इसकी कीमत आम आदमी ही चुकाता है।

उन्होंने कहा कि जबलपुर हवाई अड्डा, दिल्ली का आईजीआई हवाई अड्डा, गुजरात का हवाई अड्डा चर्चा में आए क्योंकि वहां की छतों के हिस्से ध्वस्त हुए।

शिवदासन ने आरोप लगाया कि सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है क्योंकि बार बार पेपर लीक होने की घटनाओं ने पूरी शिक्षा प्रणाली पर ही सवाल उठा दिए हैं। ‘‘न तो एनटीए और न ही केजी से लेकर पीजी तक शिक्षा प्रणाली भरोसेमंद है तथा जेईई का भी यही हाल है। खामियाजा कौन भुगत रहा है? देश के युवा समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वे किस पर भरोसा करें ?’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विकास रंजन भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि विकास के बड़े बड़े दावे करने वाली सरकार का ध्यान निजीकरण पर है और उसे आम आदमी की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक कैंसर है जो धीरे धीरे पूरी व्यवस्था को खोखला कर देता है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने की घटनाएं इस बात का उदाहरण हैं कि भ्रष्टाचार कहां कहां तक फैल चुका है।

तृणमूल कांग्रेस के समीरुल इस्लाम ने बांग्ला में अपनी बात रखी। उन्होंने केंद्र से पश्चिम बंगाल को उसकी बकाया राशि देने का अनुरोध किया।

भाषा मनीषा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)