राजस्थान। प्रदेश के झालावाड़ जिले के अकलेरा में एक चाय वाले को पंचायत समिति की तरफ से भेजा गया नोटिस चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इसके फेक होने की बात कही जा रही है। वैसे नोटिस में चायवाले को तुरंत चाय उपलब्ध नहीं कराने पर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी करके सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वो भैंस का दूध निकालकर तैयार रहे। जैसे ही किसी अधिकारी-कर्मचारी का फोन आता है, फौरन चाय बनाकर लाए। अगर वो ऐसा नहीं करता है, तो अपने बर्तन-ठीकरा उठाकर चलता बने।
यह नोटिस ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर जय लंकेश की ओर से जारी किया गया है। लेटर वायरल होने के बाद कार्यवाहक विकास अधिकारी ने उनसे स्पष्टिकरण मांग लिया है। वहीं, स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर मोहनलाल ने कार्यालय के नोटिस को पूरी तरह फेक बताया है। हालांकि उन्होंने कहा कि पंचायत समिति में कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा लंच के दौरान हंसी-मजाक करते हुए चाय देरी से लाने पर यह नोटिस टाइप करके चाय वाले को दे दिया था। उसे किसी ने वायरल कर दिया। यह अलग बात है कि नोटिस के डर से चायवाला बिरमचंद लोधा कुछ नहीं बोल रहा, सिर्फ मुस्कराकर मीडिया के हर सवाल का जवाब दे रहा है।
पंचायत समिती के नोटिस में क्या लिखा?
दरअसल, मनोहरथाना कस्बे के तहसील रोड स्थिति वीरम चंद्र लोधा की चाय की छोटी सी किराए की दुकान है। इस दुकान से पंचायत समिति मनोहरथाना में चाय जाती थी। लेकिन ब्लॉक कोऑर्डिनेटर मोहन द्वारा चाय मंगवाने के लिए बीरम से फोन पर कहा गया। उस समय वीरम के पास दूध उपलब्ध नहीं था। इस पर उसने फोन पर अधिकारी को बताया कि भैंस का दूध निकालकर फिर चाय लेकर आऊंगा। यही बात पंचायत समिति के कर्मचारी को बुरी लगी। इसके बाद उन्होंने कर्मचारी को संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर एक नोटिस जारी कर दिया। इस नोटिस में धमकी वाले लहजे में कहा गया है कि अगर तुरंत प्रभाव से पंचायत समिति में चाय उपलब्ध नहीं करा सकते तो अपने बर्तन-ठीकरे समेट लें।
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