अहमदाबाद, 26 जनवरी (भाषा) अयोध्या में राम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने रविवार को कहा कि केंद्र द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला उनके काम को मान्यता देना है।
मंदिर वास्तुकारों की परंपरा से जुड़े सोमपुरा गुजरात की उन आठ शख्सियतों में शामिल हैं जिनके नाम शनिवार को पद्म सम्मान के लिए घोषित किए गए।
अहमदाबाद में रहने वाले सोमपुरा (81) ने कहा, ‘‘यह मेरे काम और समर्पण को मान्यता है जिसके साथ मेरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर डिजाइन में योगदान देता रहा है। पद्मश्री मेरे लिए बहुत खास है। हमारा परिवार कई पीढ़ियों से मंदिर वास्तुकला के लिए समर्पित है।’’
सोमपुरा ने कहा कि उन्होंने भारत और विदेश में कई प्रसिद्ध मंदिरों का डिजाइन तैयार किया है। इनमें गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर, गुजरात में अंबाजी जैसे विभिन्न शक्तिपीठ, लंदन में स्वामीनारायण मंदिर के अलावा सिंगापुर और अमेरिका में भी कई मंदिर शामिल हैं।
सोमपुरा ने कहा कि वह 1980 से ही राम मंदिर परियोजना से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले भी मंदिर का डिजाइन बनाया था और जब इसका आकार बढ़ा तो हमने इसे फिर से डिजाइन किया।’’
सोमपुरा ने कहा कि वह अयोध्या में शबरी और निषादराज जैसे सात अन्य छोटे मंदिरों के डिजाइन में भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन पर काम जारी है।
अपनी वेबसाइट पर एक नोट में सोमपुरा ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर की योजना और डिजाइन का काम उनके जीवन की विशष्ट उपलब्धि है। सोमपुरा की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने अब तक 131 मंदिर परियोजनाओं को पूरा किया है या उन पर काम किया है।
वर्ष 1973 में चंद्रकांत सोमपुरा के दादा प्रभाशंकर सोमपुरा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। प्रभाशंकर नागर शैली की वास्तुकला के जाने-माने कलाकार थे और आजादी के ठीक बाद वल्लभभाई पटेल ने उन्हें प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर की योजना और निर्माण का काम सौंपा था।
भाषा आशीष रंजन
रंजन
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)