कम आय वाले देशों में चार प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं की मौत का संबंध जलवायु परिवर्तन से है:अध्ययन |

कम आय वाले देशों में चार प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं की मौत का संबंध जलवायु परिवर्तन से है:अध्ययन

कम आय वाले देशों में चार प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं की मौत का संबंध जलवायु परिवर्तन से है:अध्ययन

:   Modified Date:  July 5, 2024 / 04:29 PM IST, Published Date : July 5, 2024/4:29 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) निम्न और मध्यम आय वाले देशों (मुख्यत: उप-सहारा अफ्रीका और एशिया के देश) में चार प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं की मौतें जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न उच्च और निम्न तापमान से संबंधित हैं। निम्न और मध्यम आय वाले 29 देशों पर शोध के बाद एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

वर्ष 2001-2019 के बीच के आंकड़ों का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने बताया कि इन देशों में चार प्रतिशत में से औसतन 1.5 प्रतिशत नवजात शिशुओं की मृत्यु अत्यधिक गर्मी से जुड़ी हुई थी, जबकि लगभग तीन प्रतिशत की मौत का संबंध अत्यधिक ठंड से था।

जर्मनी के पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (पीआईके) सहित शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अनुमान लगाया है कि 2001-2019 के दौरान नवजात शिशुओं में गर्मी से संबंधित सभी मौतों में से 32 प्रतिशत, यानी 1.75 लाख से अधिक मौतें जलवायु परिवर्तन के कारण हुईं।

जलवायु परिवर्तन के कारण ठंडे तापमान से होने वाली नवजात शिशुओं की मृत्यु के जोखिम में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई, जिससे नवजात शिशुओं के मौत के मामलों में 4.57 लाख की कमी आई। यह निष्कर्ष ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन किए गए 29 देशों में 2001-2019 के दौरान वार्षिक तापमान में औसतन 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई थी, जिसका कारण जलवायु परिवर्तन को बताया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि उप-सहारा अफ्रीकी देशों में अत्यधिक तापमान से जुड़ी नवजात शिशुओं की मौतों पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव देखा गया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उप-सहारा अफ्रीकी देशों में अत्यधिक तापमान से जुड़ी नवजात शिशुओं की मृत्यु पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव देखा गया। अनुमान है कि चार देशों पाकिस्तान, माली, सिएरा लियोन और नाइजीरिया में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर सबसे अधिक है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि इन देशों में तापमान से संबंधित नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी सबसे अधिक है, जो प्रति एक लाख जीवित शिशुओं के जन्मों पर 160 से अधिक है। 40,000 से अधिक नवजात शिशुओं की मृत्यु का डेटा राष्ट्रीय स्तर पर किये गये जनसांख्यिकी और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (डीएचएस) से लिया गया था।

नवजात शिशुओं में तापमान के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता पूरी तरह से तैयार नहीं होती है, जो उनके उच्च चयापचय और कम पसीना आने की दर के कारण और भी जटिल हो जाती है।

पिछले अध्ययनों ने अनुमान लगाया था कि 2019 में 24 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जो पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की कुल मृत्यु का लगभग आधा (47 प्रतिशत) है। 90 प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं की मृत्यु मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में हुई।

भाषा आशीष संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)