सातवीं विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए 1,000 से अधिक प्रश्न सूचीबद्ध हुए : दिल्ली विधानसभाध्यक्ष गोयल |

सातवीं विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए 1,000 से अधिक प्रश्न सूचीबद्ध हुए : दिल्ली विधानसभाध्यक्ष गोयल

सातवीं विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए 1,000 से अधिक प्रश्न सूचीबद्ध हुए : दिल्ली विधानसभाध्यक्ष गोयल

Edited By :  
Modified Date: January 3, 2025 / 07:53 PM IST
,
Published Date: January 3, 2025 7:53 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सातवीं विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए 1,000 से अधिक प्रश्न सूचीबद्ध थे।

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान गोयल ने कहा कि 7वीं विधानसभा की पहली बैठक 24 फरवरी, 2020 को हुई थी और 74वीं बैठक पिछले साल चार दिसंबर को हुई थी।

गोयल ने कहा, “सातवीं विधानसभा में प्रश्नकाल के लिए कुल 1,095 प्रश्न सूचीबद्ध किए गए तथा सदस्यों को अनुपूरक प्रश्न पूछने का भरपूर अवसर दिया गया। नियम-208 के अंतर्गत विशेष उल्लेख के 702 मामले उठाए गए तथा सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने का पूरा मौका दिया गया।”

गोयल ने कहा, “कुल 28 विधेयक पारित किए गए। चार सरकारी प्रस्ताव और 14 अन्य प्रस्ताव पारित किए गए। कुल 39 मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चाएं हुईं। इसके अलावा 13 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिए गए।”

सातवीं विधानसभा ने समितियों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किया। गोयल ने कहा कि विभिन्न समितियों की 19 रिपोर्ट प्रस्तुत की गईं और उन्हें स्वीकार किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा होने और सीमित शक्तियां होने के बावजूद किए गए कार्य उल्लेखनीय हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान विधानसभा परिसर में कर्मचारियों के लिए बड़े पैमाने पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त 2022 को कोरोना योद्धाओं के स्मारक का भी अनावरण किया गया।

उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 2021 को विधानसभा में अशोक स्तंभ स्थापित किया गया। तीन जनवरी 2022 को जलियांवाला बाग और रानी लक्ष्मीबाई के भित्ति चित्रों का अनावरण किया गया।

गोयल ने बताया कि दूसरी दिल्ली युवा संसद 23 से 25 जनवरी 2023 के बीच आयोजित की गई। 6 और 7 दिसंबर 2024 को दिल्ली युवा संवाद 2024 का भी आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।

उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने निष्पक्षता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया तथा सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को समान महत्व दिया। सदन के समय का अधिकतम उपयोग करना मैंने अपना मुख्य दायित्व समझा।”

भाषा

प्रशांत मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers