संजौली मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने का आदेश मिला, वक्फ बोर्ड को सूचना दी है: मस्जिद समिति अध्यक्ष |

संजौली मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने का आदेश मिला, वक्फ बोर्ड को सूचना दी है: मस्जिद समिति अध्यक्ष

संजौली मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने का आदेश मिला, वक्फ बोर्ड को सूचना दी है: मस्जिद समिति अध्यक्ष

:   Modified Date:  October 16, 2024 / 05:26 PM IST, Published Date : October 16, 2024/5:26 pm IST

शिमला, 16 अक्टूबर (भाषा) संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बुधवार को कहा कि यहां विवादास्पद मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त के आदेश की प्रति प्राप्त हो गयी है और वक्फ बोर्ड को इसकी सूचना दे दी गई है।

शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को विवादित पांच मंजिला संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन ‘‘अनधिकृत’’ मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था और वक्फ बोर्ड एवं मस्जिद समिति को आदेश लागू करने के लिए दो महीने का समय दिया था।

लतीफ ने यहां ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हमें संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त की अदालत के आदेश की प्रति मिली है और हमने आगे के निर्देश देने के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा है जो उस जमीन का मालिक है, जहां मस्जिद का निर्माण हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड से अनुमति मिलने के तुरंत बाद काम शुरू किया जाएगा।’’

मस्जिद समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमने 12 सितंबर को मस्जिद की दो अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पहले ही पेशकश की थी और वक्फ बोर्ड से अनुमति लेने के बाद निगम आयुक्त को इस संबंध में एक प्रतिवेदन दिया था।’’

लतीफ 12 सितंबर को मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पेशकश करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इससे एक दिन पहले संजौली इलाके में मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे।

स्थानीय मुस्लिम कल्याण समिति ने नगर निगम आयुक्त से अनधिकृत हिस्से को सील करने का आग्रह किया था और कहा था कि वे खुद अवैध हिस्से को गिरा देंगे।

हालांकि, राज्य में मुस्लिम निकाय शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को लेकर दो धड़ों में बंट गए थे। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) ने कहा था कि वे अपीलीय प्राधिकरण की अदालत में फैसले को चुनौती देंगे और उच्चतम न्यायालय तक लड़ाई लडेंगे।

इससे पहले, एएचएमओ के राज्य प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा था कि जिन लोगों ने मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का वचन दिया था, उनके पास ऐसा कोई भी प्रस्ताव देने का कोई अधिकार नहीं था। हाशमी ने यह भी कहा कि नगर निगम आयुक्त की अदालत का आदेश तथ्यों के विपरीत है।

वहीं, लतीफ ने कहा था, ‘‘राज्य में शांति और भाईचारा सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद को गिराने की पेशकश करना एक बड़ा फैसला था। हमने वक्फ बोर्ड, जिले के समुदाय के प्रमुख लोगों, स्थानीय दुकानदारों और अन्य लोगों से बात की और सभी की राय थी कि शांति बनी रहनी चाहिए।’’

भाषा गोला मनीषा

मनीषा

 

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