एक व्यक्ति का लैंगिक झुकाव उसकी व्यक्तिगत पसंद, इस वजह से कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता : हाईकोर्ट | Order to reinstate home guard sacked when gay

एक व्यक्ति का लैंगिक झुकाव उसकी व्यक्तिगत पसंद, इस वजह से कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता : हाईकोर्ट

एक व्यक्ति का लैंगिक झुकाव उसकी व्यक्तिगत पसंद, इस वजह से कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता : हाईकोर्ट

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 PM IST
,
Published Date: February 10, 2021 6:33 am IST

प्रयागराज, 10 फरवरी (भाषा) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही पारित एक आदेश में एक होम गार्ड को बहाल करने का निर्देश दिया। बुलंदशहर के उक्त होम गार्ड को समलैंगिक होने के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।

अदालत ने कहा, ‘‘सार्वजनिक स्थल पर एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों के बीच लगाव के किसी तरह के प्रदर्शन तब तक अभद्रता की श्रेणी में नहीं आता जब तक इससे जन व्यवस्था बिगड़ने की संभावना नहीं रहती। इसे बहुसंख्यक नजरिए के आधार पर नहीं लिया जा सकता।’’

उक्त आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने कमांडेंट जनरल, होम गार्ड, मुख्यालय, लखनऊ को याचिकाकर्ता को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का निर्देश दिया और कहा कि याचिकाकर्ता सभी बकाए और मानदेय पाने का पात्र होगा और उसे देय मानदेय का नियमित भुगतान किया जाएगा।
Read More News: शौक बड़ी चीज है! पान ठेला चलाने वाले धरमू ने पोटली में जमा कर रखे हैं गुजरे जमाने के कीमती सिक्के

अदालत ने कहा, “सरकार द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे के पैराग्राफ -8 से उस अधिकारी के दृष्टिकोण का पता चलता है जिसने सेवा समाप्ति का आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता के लैंगिक झुकाव को अप्रिय गतिविधि में लिप्त बताया गया है जो कि नवतेज सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय के विचारों का पूरी तरह से उल्लंघन है।”

“उच्चतम न्यायालय ने 2018 में इस मामले में कहा था कि एक व्यक्ति का लैंगिक झुकाव उसकी व्यक्तिगत पसंद है और इसे किसी तरह से अपराध मानना उस व्यक्ति के निजता के अधिकार में हस्तक्षेप होगा।”
Read More News: डिजिटल सिग्नेचर और नामांतरण के लिए पैसा मांगना डगनिया और भांटागांव पटवारी को पड़ गया भारी, हुए निलंबित

इस तरह से अदालत ने 11 जून, 2019 को जारी बर्खास्तगी का आदेश निरस्त कर दिया। यह आदेश बुलंदशहर के जिला कमांडेंट (होम गार्ड) द्वारा पारित किया गया था। उस होम गार्ड का वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था जिसके आधार पर होम गार्ड को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय द्वारा बर्खास्तगी निरस्त करने का आदेश दो फरवरी, 2021 को पारित किया गया।