नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) विपक्ष दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया और आसन की ओर से इन मुद्दों पर कार्यस्थगन नियम के तहत चर्चा कराए जाने की मांग खारिज किए जाने के बाद उच्च सदन से बहिर्गमन किया।
कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने बताया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव, लोकसभा सीटों के परिसीमन से दक्षिण के राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव सहित कुछ अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत 10 नोटिस मिले हैं।
उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही उपसभापति ने शून्यकाल आरंभ किया।
हंगामे के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ईरण्ण कराडी ने स्वास्थ्य क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। इसके बाद जनता दल (यूनाईटेड) के संजय झा ने मखाना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग की।
झा अभी यह मुद्दा उठा ही रहे थे कि विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, सुष्मिता देव, मौसम नूर सहित कुछ अन्य सदस्यों ने ‘डुप्लीकेट’ मतदाता पहचान पत्र जारी करने में निवार्चन आयोग की कथित चूक पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे जबकि द्रमुक के पी विल्सन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी शिवदासान ने दक्षिणी राज्यों में प्रस्तावित परिसीमन के बारे में चिंताओं पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिए थे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संतोष कुमार पी ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियों की ओर से एलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
भाजपा के शमिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था जबकि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
इससे पहले, सभापति जगदीप धनखड़ ने आज बजट सत्र के दूसरे चरण में पहली बार सदन का संचालन किया।
सदन के नेता जे पी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित अन्य सदस्यों ने उनका स्वागत किया और उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की।
धनखड़ को हृदय संबंधी बीमारियों के कारण नौ मार्च को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें एम्स से छुट्टी दी गई थी।
धनखड़ ने बताया कि जब वह अस्पताल में भर्ती थे तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अस्पताल का दौरा कर उनका हालचाल जाना था जबकि खरगे, सोनिया गांधी और डेरेक ओब्रायन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई नेताओं ने उनकी पत्नी को फोन पर उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना।
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा
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