विपक्षी सदस्यों ने और अधिक हितधारकों से बात कर समुद्री मालवहन विधेयक फिर लाने की मांग की |

विपक्षी सदस्यों ने और अधिक हितधारकों से बात कर समुद्री मालवहन विधेयक फिर लाने की मांग की

विपक्षी सदस्यों ने और अधिक हितधारकों से बात कर समुद्री मालवहन विधेयक फिर लाने की मांग की

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Modified Date: March 28, 2025 / 03:27 PM IST
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Published Date: March 28, 2025 3:27 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के कुछ सदस्यों ने ‘समुद्र द्वारा मालवहन विधेयक, 2024’ को कानूनी रूप देने से पहले और अधिक हितधारकों से बातचीत कर एक समग्र विधेयक सदन में लाने की जरूरत बताई।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सदन में इस विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया। इसे गत वर्ष नौ अगस्त को सदन में पेश किया था।

सरकार के अनुसार ‘समुद्र द्वारा मालवहन अधिनियम, 1925’ को पहले ही सौ साल हो गए हैं और यह काफी पुराना है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करने और बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप कानून का सरलीकरण और इसे लेकर समझ बढ़ाना बहुत जरूरी है। इसी दिशा में यह विधेयक लाया जा रहा है।

इस विधेयक में भारत में एक बंदरगाह से दूसरे बंदरगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के विजय कुमार वसंत ने कहा कि इसमें मालवहन के दौरान लापरवाही से वस्तुओं के नुकसान की स्थिति में संरक्षण प्रदान किया गया है, लेकिन इस संबंध में प्रावधानों को और मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक में मालवहन उद्योग के हितधारकों के विचारों को शामिल किया जाए एवं एक और मजबूत विधेयक लाया जाए।’’

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के श्रीकृष्ण प्रसाद ने कहा कि देश के नौ पत्तन आज दुनिया के शीर्ष 100 पत्तनों में शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि की वजह से संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक पोत परिवहन क्षेत्र की नयी चुनौतियों से अच्छी तरह से निपटने वाला और मालवाहक पोतों के हितों की रक्षा करने वाला है।

तेदेपा सांसद ने समुद्री व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार को कुछ सुझाव भी दिए।

समाजवादी पार्टी (सपा) के आदित्य यादव ने कहा कि यह विधेयक केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाएगा और छोटे मालवाहकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने इस विधेयक को वापस लेकर नया विधेयक लाने की मांग सरकार से की ताकि छोटे और मध्यमवर्ग के व्यापारियों को लाभ मिल सके।

भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि पुराने कानूनों को निष्प्रभावी करने के मोदी सरकार के प्रयासों के तहत यह विधेयक लाया गया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने कहा कि यह विधेयक और समेकित बनाया जा सकता था। उन्होंने इसके संबंध में और अधिक हितधारकों से बात करने की जरूरत बताई।

भाषा

वैभव अविनाश

अविनाश

 

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