एमयूडीए घोटाले में ईडी की छापेमारी का विपक्षी भाजपा, जद(एस) ने किया स्वागत |

एमयूडीए घोटाले में ईडी की छापेमारी का विपक्षी भाजपा, जद(एस) ने किया स्वागत

एमयूडीए घोटाले में ईडी की छापेमारी का विपक्षी भाजपा, जद(एस) ने किया स्वागत

:   Modified Date:  October 18, 2024 / 05:36 PM IST, Published Date : October 18, 2024/5:36 pm IST

बेंगलुरु, 18 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक में विपक्षी भाजपा और जद (एस) ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के परिवार से जुड़े एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि घोटाले को उजागर करने व सच्चाई सामने लाने के लिए ये छापे जरूरी हैं।

दोनों दलों के नेताओं ने इस मामले में ईडी की जांच पर सवाल उठाने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना की और पूछा कि क्या उनकी सरकार के तहत काम करने वाले लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच संभव है। इस मामले में सिद्धरमैया आरोपी हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले में शुक्रवार को छापेमारी की, जिसमें सिद्धरमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

मैसूरु में एमयूडीए कार्यालय और कुछ अन्य स्थानों पर संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा केंद्रीय अर्धसैनिक बल के एक दल के साथ छापेमारी की जा रही है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने छापों के पीछे राजनीतिक मकसद की बात से इनकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ शिकायत उनकी पार्टी द्वारा दर्ज नहीं की गयी है।

उन्होंने कहा, “…ऐसा कहा जा रहा है कि 3,000-4,000 करोड़ रुपये का गैरकानूनी काम हुआ है, अगर वह रकम वापस आती है तो इससे सरकार को मदद मिलेगी। उन्हें (कांग्रेस को) छापेमारी का स्वागत करना चाहिए और यह सुनिश्चित करने में सहयोग करना चाहिए कि रकम बरामद हो जाए।”

उन्होंने कहा कि ईडी की जांच पर सवाल उठाने वालों को अदालत जाना चाहिए।

अशोक ने कहा, “सिद्धरमैया अदालत में जाए बिना इंतजार क्यों कर रहे हैं? अदालत में सवाल उठाने के बजाय, वे कह रहे हैं कि ईडी के पास मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। क्या आपको (कांग्रेस सरकार) यह अधिकार है कि आप कर्नाटक में हर दिन एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर रहे हैं (विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों की जांच के लिए)? क्या हमने आपसे सवाल किया है? हम कह रहे हैं – मामलों की जांच करें। जांच का राजनीतिकरण न करें।”

ईडी ने 30 सितंबर को लोकायुक्त द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की।

मुख्यमंत्री पर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 स्थलों के आवंटन में अनियमितता के आरोप हैं।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने मांग की कि सिद्धरमैया और शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश (जिनके विभाग के अंतर्गत एमयूडीए आता है) को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए, ताकि “सच्चाई सामने आ सके”।

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भाषा प्रशांत माधव

माधव

 

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