रास में विपक्ष ने लगाया विभिन्न मदों में बजट कटौती का आरोप |

रास में विपक्ष ने लगाया विभिन्न मदों में बजट कटौती का आरोप

रास में विपक्ष ने लगाया विभिन्न मदों में बजट कटौती का आरोप

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Modified Date: March 27, 2025 / 06:45 PM IST
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Published Date: March 27, 2025 6:45 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्ष ने सरकार पर विभिन्न मदों में बजट कटौती करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है, वहीं सत्ता पक्ष ने दावा किया कि सरकार की नीतियों के केंद्र में ‘‘विकसित भारत’’ है।

उच्च सदन में विनियोग विधेयक (संख्यांक 3) विधेयक 2025 और वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा की धर्मशिला गुप्ता ने कहा कि बजट 2025-26 के माध्यम से कई योजनाबद्ध कार्यक्रमों को पेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग का ध्यान रखा गया है और आयकर की सीमा बढ़ाई गई है। ‘‘यह एक दूरदर्शी आर्थिक नीति है जिसका उद्देश्य मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाना है। मध्यम वर्ग बचत कर खरीद कर सकेगा जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और यह मांग उत्पादकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।’’

उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में 30 फीसदी का योगदान देने वाला विनिर्माण क्षेत्र इस बढ़ती मांग से आगे बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। ‘‘नतीजा फिर से अच्छी जीडीपी के रूप में सामने आएगा। साथ ही छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।’’

धर्मशिला गुप्ता ने कहा कि सरकार जो कर लेती है उसी पैसे से 80 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर से लेकर आयुष्मान योजना का लाभ मिलता है।

उन्होंने कहा कि 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला एमएसएमई क्षेत्र उल्लेखनीय रूप से रोजगार सृजन कर रहा है जिससे युवाओं को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में किसानों के लिए कई ऐसी योजनाओं को लागू किया गया जिससे उन्हें उल्लेखनीय लाभ मिला है। सीधी नकद सहायता, पीएम किसान, पीएम किसान सम्मान निधि, सॉइल हेल्थ कार्ड योजना, खाद सब्सिडी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सिंचाई सुधार, कृषि बीमा, एमएसपी में वृद्धि आदि ने किसानों को आत्म सुरक्षा प्रदान की है।

महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी सहित कई योजनाएं ऐसी हैं जो पहले की सरकारें सोच भी नहीं पाईं। ‘‘इन योजनाओं को वर्तमान सरकार ने लागू किया है।’’

धर्मशिला गुप्ता ने कहा ‘‘इस विधेयक को केवल प्रस्ताव के रूप में नहीं बल्कि भारत के औद्योगिक विकास, बेहतर भविष्य और नागरिकों की समृद्धि के लिए उठाए गए कदम के रूप में देखें। ’’

आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की बात सरकार करती है लेकिन इनमें आठ करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ नहीं मिला है।

साहनी ने कहा कि आयकर की सीमा बढ़ाना अच्छी बात है लेकिन यह भी देखना होगा कि कर देने वाले व्यक्ति केवल दो फीसदी लोग हैं।

उन्होंने कहा कि 23 फसलों पर ही एमएसपी मिलता है जबकि यह दालों पर भी मिलना होगा। ‘‘किसानों की समस्याओं का समाधान बहुत जरूरी है।’’

साहनी ने कहा कि शिक्षा पर जीडीपी की बहुत ही कम राशि खर्च हो रही है जिसे बढ़ाना होगा। स्कूलों की हालत भी सुधारनी होगी और यह भी देखना होगा कि बच्चे बीच में ही पढ़ाई क्यों छोड़ देते हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘पीपीपी मोड’ पर ध्यान देना होगा और सरकार अस्पताल बनाए वहीं निजी क्षेत्र द्वारा मेडिकल कॉलेज बनाए जाएं।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी आला ने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए स्पष्ट योजनाओं की जरूरत होगी लेकिन यह बात फिलहाल नजर नहीं आती।

उन्होंने कहा कि उद्योग जगत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है, और शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसके सामने समस्याएं नहीं हों। ‘‘इसीलिए स्पष्ट योजनाएं जरूरी हैं ताकि समाधान भी निकले।’’

कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने कहा ‘‘आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं। छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। परिवार के सदस्य एक साथ आत्महत्या कर रहे हैं। आखिर इसका कारण क्या है? केवल बजट बना देना और लुभावने सपने दिखाना ही जरूरी नहीं है।’’

उन्होंने दावा किया कि 47 विभागों के बजट आवंटन में कमी की गई है। उन्होंने कहा कि देश में कई एमएसएमई बंद हो गए हैं, निर्यात घट गया है, आमदनी नहीं है, बेरोजगारी बढ़ रही है, प्रतिभा पलायन हो रहा है, लेकिन जीएसटी हर जगह है, यहां तक कि कफन पर भी। ‘‘यह सामाजिक सच है, इससे सरकार आंखें नहीं फेर सकती।’’

चौधरी ने कहा कि हर बात के लिए कांग्रेस पर दोष नहीं मढ़ा जा सकता।

अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरै ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय और वर्तमान में राजग सरकार के समय भी तमिलनाडु को केवल उपेक्षा का ही सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा, पीएमश्री से लेकर विभिन्न मदों में तमिलनाडु की बकाया राशि शीघ्र जारी की जाए।

आईयूएमल के अब्दुल वहाब ने एमपीलैड की राशि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एमपीलैड की राशि से विकास कार्य करना मुश्किल है क्योंकि महंगाई और लागत कई रोड़े अटकाती है।

भाजपा के अरुण सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार विभिन्न योजनाओं और मदों के जरिये लोगों का जीवन स्तर सुधारने का प्रयास कर रही है लेकिन इसमें कहीं भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि आयकर की सीमा बढ़ा कर 12 लाख रुपये करना मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत है जिसे सीमित आय में गुजर बसर करना पड़ता है।

शिवसेना (उबाठा) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पिछले साल महाराष्ट्र में 2000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बेरोजगारी 10 फीसदी से अधिक है और महिलाओं को 2100 रुपये देने का वादा भी अब तक अधूरा ही है।

उन्होंने अनुरोध किया कि सभी राज्यों के लिए समान नीतियां होनी चाहिए और सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए।

चर्चा में बीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी, भाजपा के संजय सेठ, डॉ अजित माधवराव गोपछड़े, अनिल बोंडे, घनश्याम तिवाड़ी, भाकपा के पी संदोष कुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की फौजिया खान, तेदेपा के मस्तान राव बीडा ने भी भाग लिया।

भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश

 

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