जयपुर, 31 दिसंबर (भाषा) राजस्थान के कोटपूतली जिले के संरूड थाना क्षेत्र में गत सोमवार को 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय चेतना को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान मंगलवार को नौवें दिन भी जारी है।
अधिकारियों के अनुसार, बचाव दल समानांतर सुरंग खोदने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कोटपूतली जिले के सरुंड थाना क्षेत्र के कितरपुरा इलाके में भूपेंद्र चौधरी के खेत में उनकी तीन साल की बच्ची चेतना सोमवार 23 दिसंबर को बोरवेल में गिर गई थी। उसे सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास लगातार जारी है।
स्थानीय पुलिस, प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने का लगातार प्रयास कर रही है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की बचाव टीम को सोमवार को उम्मीद थी कि वे ऑपरेशन पूरा कर बच्ची तक पहुंच जाएंगे, लेकिन चट्टानी सतह ने ड्रिलिंग में टीम के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश मीणा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, ‘आठ फुट मिट्टी खोदना कोई बड़ी बात नहीं है। अगर पत्थर है तो हम विस्फोट नहीं कर सकते। कठोर चट्टान के कारण हमें ड्रिलिंग में दिक्कत आ रही है। जब से काम शुरू हुआ है, तब से एक मिनट के लिए भी काम बंद नहीं हुआ है।’
कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने सोमवार को बच्ची के परिवार से फिर मुलाकात कर बचाव अभियान में आ रही दिक्कतों के बारे में उन्हें बताया था।
उन्होंने बताया कि बच्ची को बाहर निकालने के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, लेकिन यह ऑपरेशन काफी जटिल है, इसलिए इसमें समय लग रहा है।
यह शायद राज्य का सबसे लंबा बचाव अभियान है, जो 190 घंटे से अधिक समय से चल रहा है।
इससे पहले परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
भाषा कुंज
नरेश मनीषा
मनीषा
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