नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि आज के युद्धक्षेत्र में वही टिके रह सकते हैं, जो स्थिति के अनुसार बदल सकते हैं और खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाल सकते हैं।
सीडीएस चौहान ने कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद में यह बात कही। वह 21वीं सदी के जटिल सुरक्षा परिदृश्य संबंधी चुनौतियों पर उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम एचडीएमसी-20 का अध्ययन कर रहे भावी रणनीतिक नेताओं को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
जनरल चौहान ने समकालीन और उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए तेजी से बदलती वैश्विक शक्ति गतिशीलता, गैर-पारंपरिक खतरों और तेज गति वाले ‘एआई’ व्यवधानों की विशेषता वाली तकनीकी प्रगति के बीच अनुकूलनशीलता, लचीलापन और दूरदर्शी नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है।
सीडीएस ने समन्वित प्रतिक्रिया के लिए संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को आकार देने में भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका को रेखांकित किया।
रक्षा सुधारों के वर्ष में राष्ट्रीय सुरक्षा वास्तुकला और परिवर्तन प्रबंधन पर भाषण में उन्होंने सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के कामकाज और सशस्त्र बलों में एकीकरण और तालमेल को बढ़ावा देने की दिशा में परिवर्तनकारी अभियान के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने सशस्त्र बलों के लिए विजन 2047, संयुक्त सिद्धांतों, रक्षा और सैन्य नीतियों के साथ-साथ एकीकृत क्षमता विकास योजना को अंतिम रूप देने के प्रयासों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने डीएमए द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भरता पहल पर चर्चा करते हुए परिवर्तन के वर्ष के रोडमैप का सूक्ष्म परिप्रेक्ष्य प्रदान किया।
भाषा अविनाश दिलीप
दिलीप
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)