प्रयागराज, तीन सितंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जब गाय का कल्याण होगा, तभी इस देश का कल्याण होगा और कभी कभी यह देखकर बहुत कष्ट होता है कि गाय के संरक्षण और संवर्धन की बात करने वाले ही गाय के भक्षक बन जाते हैं।
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न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने बुधवार को याचिकाकर्ता जावेद की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जावेद पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर वादी खिलेंद्र सिंह की गाय चुराई और उसका वध किया।
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अदालत ने कहा, “सरकार गौशाला का निर्माण तो कराती है, लेकिन उसमें गाय की देखभाल करने वाले लोग ही उसका ध्यान नहीं रखते। इसी तरह निजी गौशाला चलाने वाले लोग जनता से चंदा और सरकार से सहायता तो ले लेते हैं, लेकिन इसे गाय की देखभाल में ना लगाकर अपने निजी स्वार्थ में खर्च करते हैं।”
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साथ ही अदालत ने कहा, “ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां गौशाला में गायें भूख और बीमारी से मर जाती हैं या मरणासन्न अवस्था में हैं। उन्हें जहां रखा जाता है, वहां सफाई नहीं होती। चारे के अभाव में गाय पॉलीथिन खाती है और बीमार हो कर मर जाती है। दूध देना बंद कर देने पर उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में गाय का संरक्षण, संवर्धन करने वाले लोग क्या कर रहे हैं ?”