‘एक देश, एक चुनाव’ अव्यवहारिक, भाजपा का ‘सस्ता हथकंडा’ : विपक्ष |

‘एक देश, एक चुनाव’ अव्यवहारिक, भाजपा का ‘सस्ता हथकंडा’ : विपक्ष

‘एक देश, एक चुनाव’ अव्यवहारिक, भाजपा का ‘सस्ता हथकंडा’ : विपक्ष

:   Modified Date:  September 18, 2024 / 08:57 PM IST, Published Date : September 18, 2024/8:57 pm IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) विपक्षी दलों ने ‘एक साथ चुनाव’ की अनुशंसाओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को आरोप लगाया कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार व्यवहारिक नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक ‘सस्ता हथकंडा’ है।

कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि देश इस विचार को कभी स्वीकार नहीं करेगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोविंद समिति की सिफारिश के अनुसार ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एक देश, एक चुनाव केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है। यह संविधान के खिलाफ है, लोकतंत्र के प्रतिकूल है, संघवाद के विरुद्ध है। देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।’’

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ‘एक देश, एक चुनाव’ को भाजपा का ‘सस्ता हथकंडा’ बताया और सवाल किया कि यदि सरकार एक साथ चुनाव चाहती है तो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा क्यों नहीं की गई।

ओ’ब्रायन ने कहा, “एक देश, एक चुनाव लोकतंत्र विरोधी भाजपा का एक और सस्ता हथकंडा है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा क्यों नहीं की गई?”

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार ने इस साल जून में बजट में लाडकी बहिन योजना की घोषणा की थी। पहली किस्त अगस्त में महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच गई थी और दूसरी किस्त अक्टूबर में लाभार्थियों तक पहुंच जाएगी।”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने कहा कि प्रस्तावित कदम से राज्यों के अधिकारों में कटौती होगी।

राजा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे संवैधानिक ढांचे में एक देश, एक चुनाव एक अव्यवहारिक और अवास्तविक विचार है।’’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ‘एक देश, एक चुनाव’ का लगातार विरोध किया, क्योंकि इससे संघवाद समाप्त हो जाएगा और लोकतंत्र से समझौता होगा।

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ नहीं हो सकते तो सभी चुनाव एक साथ कैसे होंगे।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘वे चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने में असमर्थ थे और केवल हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने में कामयाब रहे। मेरा कहना है कि जब वे चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने में असमर्थ हैं, तो एक देश, एक चुनाव कैसे संभव है?’’

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सांसद महुआ माझी ने आरोप लगाया कि भाजपा एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है क्योंकि वह भारत में शासन करने वाली एकमात्र पार्टी बनना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा लंबे समय से यह कोशिश कर रही है। वह चाहती है कि देश पर केवल एक ही पार्टी शासन करे। हाल ही में उसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना को तोड़ दिया है, जबकि ओडिशा में बीजू जनता दल का लगभग सफाया हो गया है। इसी तरह, वह देश को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने पर उनकी पार्टी का रुख ‘सकारात्मक’ है।

मायावती ने इस सिलसिले में अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, ”एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का रुख सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी है।”

भाषा हक हक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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