नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्वाचित सरकार को शामिल करने सहित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
उमर ने 16 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद दूसरी बार शाह से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत ‘सौहार्दपूर्ण तरीके से’ हुई।
उन्होंने कहा, ‘हमें हमेशा बेहतर माहौल में काम करने की उम्मीद है ताकि जम्मू कश्मीर के लोगों को इसका लाभ मिल सके।’
बैठक 30 मिनट तक चली।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने गृह मंत्री को केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति और पिछले दो महीनों में उनकी सरकार के अनुभव के बारे में जानकारी दी।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘हां, मैंने गृह मंत्री के समक्ष राज्य का दर्जा शीघ्र बहाल करने का मुद्दा उठाया।’
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जल्द ही जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।’
यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत में केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद की स्थिति पर भी चर्चा हुई, उन्होंने कहा कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था उपराज्यपाल की जिम्मेदारी है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है और मैंने गृह मंत्री से कहा है कि ‘आप उग्रवाद और आतंकवाद से निर्वात में नहीं लड़ सकते, आपको जम्मू कश्मीर की जनता को विश्वास में लेना होगा….उन्हें भी इस लड़ाई में शामिल करना होगा और इसके लिए आपको उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों और उनकी निर्वाचित सरकार को विश्वास में लेना होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्ता में निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच शक्तियों के बंटवारे के लिए कार्य नियम बनाने का मुद्दा शामिल नहीं था और उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘व्यावसायिक नियमों का भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हमें इस पर निर्णय लेना है और मंत्रिमंडल को इसे मंजूरी देनी है। मंत्रिमंडल की उप-समिति इसे अंतिम रूप देगी और फिर हम इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजेंगे।’
अब्दुल्ला 20 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में वस्तु एवं सेवा कर बैठक में भाग लेंगे। हथकरघा उत्पादों पर 28 प्रतिशत की प्रस्तावित वृद्धि के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं देखा है। अगर ऐसा प्रस्ताव आता है तो हम इसका विरोध करेंगे। इससे न केवल हम, बल्कि अन्य राज्य भी प्रभावित होंगे।’
अब्दुल्ला के साथ बैठक समाप्त होने और उनके जाने के तुरंत बाद शाह ने केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी दूसरी बैठक शुरू की।
भाषा शुभम रंजन
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