भाजपा ऐसा व्यवहार न करे जैसे उसने लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीती हों : उमर |

भाजपा ऐसा व्यवहार न करे जैसे उसने लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीती हों : उमर

भाजपा ऐसा व्यवहार न करे जैसे उसने लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीती हों : उमर

:   Modified Date:  July 4, 2024 / 11:49 PM IST, Published Date : July 4, 2024/11:49 pm IST

श्रीनगर, चार जुलाई (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भाजपा को अपना रवैया बदलना चाहिए और ऐसा व्यवहार करना बंद करना चाहिए कि मानो उसने लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीती हों।

उमर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।

उन्होंने संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा में विपक्षी नेताओं के भाषणों के कुछ हिस्सों को निकाल दिया जाना ठीक नहीं है।

उमर ने कहा, ‘‘जहां तक ​​संसद का सवाल है, (नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर से सांसद आगा सैयद) रूहुल्लाह मेहदी स्वयं लोकसभा अध्यक्ष के कदम का शिकार हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद उनके भाषण का एक हिस्सा इसलिए हटा दिया गया क्योंकि अध्यक्ष उनसे खुश नहीं थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आग्रह पर विपक्ष के नेता के भाषण का एक हिस्सा हटा दिया गया। यह ठीक नहीं है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। ’’

नेकां के उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि किसी सदस्य के भाषण में कोई गाली या अनुचित शब्द नहीं हैं, तो इन बातों को रिकॉर्ड से नहीं हटाया जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन, भाजपा को कौन याद दिलाए कि वे 400 (सीट) की बात तो करते थे, लेकिन 240 भी पार नहीं कर पाए। भाजपा को कुछ हद तक अपना रवैया बदलना चाहिए। वे ऐसे बात करते हैं जैसे लोकसभा में उनके 400 सदस्य हों। उनके पास केवल 240 हैं। हमें उम्मीद है कि विपक्ष और उसके सदस्यों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाएगा।’’

कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर का उल्लेख नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसमें संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव समय पर नहीं होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा यह उम्मीद क्यों रखें कि प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करेंगे? कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री यहां आए, योग किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही चुनाव होंगे और लोग अपनी सरकार चुनेंगे। उसके बाद संदेह की गुंजाइश कहां रह जाती है? ’’

भाषा

रवि कांत रवि कांत धीरज

धीरज

 

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