Old Pension Scheme latest news: देश के पांच राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ओपीएस की बहाली के बाद क्या केंद्र भी अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस की वापसी करने वाली है? ऐसे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ओपीएस (Old Pension Scheme) को बहाल करने की किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जो राज्य OPS में वापसी की इच्छा रखते हैं, उन्हें संचित NPS फंड की वापसी नहीं मिलेगी, इसके लिए PFRDA अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने की इच्छा रखने वाले पांच गैर-बीजेपी राज्यों द्वारा मांगे जा रहे है संचित NPS फंड की वापसी के लिए PFRDA अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने OPS को वापस करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र को सूचित किया है और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत संचित कोष की वापसी का अनुरोध किया है।
कराड के अनुसार, “पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के तहत कोई प्रावधान नहीं है … जिसके द्वारा अभिदाताओं के संचित कोष जैसे सरकारी योगदान, एनपीएस के लिए कर्मचारियों के योगदान के साथ-साथ उपार्जन को वापस किया जा सकता है और राज्य सरकार को वापस जमा किया जा सकता है”
कराड ने बताया कि केंद्र सरकार 1 जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में OPS को बहाल करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। NPS को केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर 2003 में परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली को बदलने के लिए पेश किया गया था। 1 जनवरी, 2004 से सरकारी सेवा (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में सभी नई भर्तियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया था, और 1 मई, 2009 से स्वैच्छिक आधार पर सभी नागरिकों के लिए भी लागू कर दिया गया है।
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