भुवनेश्वर, 31 दिसंबर (भाषा) ओडिशा के सिमिलिपाल रिजर्व फॉरेस्ट से तीन सप्ताह पहले भागी बाघिन जीतन को मंगलवार की रात को इस संरक्षित वन क्षेत्र में वापस लाया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
वन क्षेत्र से निकलने के बाद जीनत ने झारखंड व पश्चिम बंगाल के कुछ गांवों में अपना आतंक मचाया।
ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) प्रेम कुमार झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उसे (बाघिन जीनत को) पश्चिम बंगाल से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और उसे रात में सिमिलिपाल पहुंचा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया, “उसे सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र में एक प्राकृतिक बाड़े में छोड़ा जाएगा, जहां पहले एक अन्य बाघिन जमुना को रखा गया था।”
झा ने बताया, “बाघिन जीनत की गतिविधियों को देखने के बाद अधिकारी उसे जंगल में छोड़ने का फैसला लेंगे।”
उन्होंने बताया कि जीनत को अभयारण्य में बाघों की आबादी बढ़ाने के लिए नवंबर में महाराष्ट्र के ताडोबा से सिमिलिपाल लाया गया था।
अधिकारी ने बताया कि बाघिन आठ दिसंबर की सुबह सिमिलिपाल से भाग गयी और झारखंड पहुंची।
उन्होंने बताया कि जीनत वहां से पश्चिम बंगाल पहुंची और रास्ते में उसने ग्रामीणों को आतंकित करने तथा वन रक्षकों को चकमा देने के बाद नये इलाके की तलाश में करीब तीन सप्ताह में 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।
झा ने बताया कि जीनत को 29 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में बेहोश कर पकड़ा गया था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद खून और मल के नमूने लेने के लिए उसे कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर ले जाया गया और उसके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एक मेडिकल टीम बनाई गई।
भाषा जितेंद्र सुरेश
सुरेश
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