ब्रह्मपुर (ओडिशा), पांच अक्टूबर (भाषा) कोविड महामारी के दौरान दक्षिण ओडिशा के ब्रह्मपुर शहर में एक महिला सदस्य को खोने वाला एक परिवार सिलिकॉन से बनी उनकी मूर्ति अपने ड्राइंग-रूम में रखकर पाटने की कोशिश कर रहा है।
कारोबारी प्रशांत नायक (52) ने अपनी पत्नी किरण की सोफे पर बैठी आदमकद प्रतिमा बनवाई और इस साल की शुरुआत में बड़ी बेटी की शादी के दौरान साड़ी और सोने के जेवर पहनाए।
मृतका की बेटी महक एमबीए की पढ़ाई कर रही है। वह नियमित रूप से मूर्ति की देखभाल करती है और नियमित तौर पर साड़ी और गहने बदलती है।
नायक ने कहा, ‘‘प्राणघाती कोविड ने मेरी पत्नी को मुझसे छीन लिया, लेकिन जब मैं इस मूर्ति को देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है जैसे वह हमारे साथ घर पर हैं। जब वह जीवित थीं, तो उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया।’’
नायक और किरण की शादी 1997 में हुई थी और दोनों की दो बेटियां सहित तीन बच्चे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी की 25 अप्रैल 2021 को मृत्यु हुई और इसके कुछ दिन बाद मेरे बच्चे घर में उनकी एक मूर्ति लगवाना चाहते थे, ताकि उन्हें उनकी कमी महसूस न हो। मैंने तुरंत सहमति दे दी और अपनी बेटियों से एक मूर्तिकार से संपर्क करने को कहा।’’
नायक ने बताया, ‘‘बेंगलुरु के एक मूर्तिकार को फाइबर, रबर और सिलिकॉन का इस्तेमाल करके बिल्कुल वैसी ही मूर्ति बनाने में लगभग एक वर्ष का समय लगा। बेंगलुरु से इसे ओडिशा लाने सहित कुल लागत करीब आठ लाख रुपये आई।’’
उन्होंने बताया कि यह मूर्ति उनकी बड़ी बेटी की शादी से पहले स्थापित की गई थी, ताकि रिश्तेदारों को उनकी पत्नी की उपस्थिति का एहसास हो।
महक ने बताया कि उन्होंने मूर्तिकार को कई तस्वीरें दी थीं और दो बार बेंगलुरु भी गई थीं एवं वीडियो कॉल पर उनसे परामर्श भी किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे घर में मूर्ति लगाने के बाद, हमें अपनी मां की निरंतर उपस्थिति महसूस हो रही है।’’
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धीरज सुरेश
सुरेश
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