ओडिशा सरकार प्रतिष्ठित व्यक्तियों की प्रतिमाएं स्थापित करेगी |

ओडिशा सरकार प्रतिष्ठित व्यक्तियों की प्रतिमाएं स्थापित करेगी

ओडिशा सरकार प्रतिष्ठित व्यक्तियों की प्रतिमाएं स्थापित करेगी

:   Modified Date:  October 17, 2024 / 01:34 PM IST, Published Date : October 17, 2024/1:34 pm IST

भुवनेश्वर, 17 अक्टूबर (भाषा) ओडिशा सरकार ने राज्य के नायकों और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के, स्वतंत्रता संग्राम और समाज में दिए गए योगदान के बारे में युवाओं को जागरूक करने के लिए राज्य भर में उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने का फैसला लिया है।

बुधवार को जारी की गई एक अधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग के मंत्री सूर्यवंशी सूरज की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई जिलों में, राज्य के नायकों और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों की प्रतिमाएं स्थापित करने का निर्णय किया गया।

बैठक के दौरान विभिन्न जनप्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों एवं जिला प्रशासनों से प्राप्त प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

इसमें कहा गया है कि, विस्तृत विचार-विमर्श करने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रतिष्ठित व्यक्तियों की प्रतिमाओं का निर्माण करने एवं उनकी स्थापना करने के लिए एक सूची तैयार की गई है।

योजना के तहत, केंद्रपाड़ा में भजन सम्राट भिकारी बाल, बोलांगीर में स्वतंत्रता सेनानी धर्म सिंह मंधाता माझी, भुवनेश्वर में कवयित्री कुंतला कुमारी साबत और शेखर चिंतामणि मोहंती, बहरामपुर में कबिसम्राट उपेन्द्र भांजा, भद्रक में स्वतंत्रता सेनानी गोकुलानंद महंती और क्योंझर में रतन नायक की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

विज्ञप्ति में बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साय की प्रतिमाएं संबलपुर में स्थापित की जाएंगी। कटक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और कवि मधुसूदन दास की प्रतिमा, बरगढ़ में लेखक गंगाधर मेहेर की प्रतिमा, बालासोर में फकीर मोहन सेनापति और स्वतंत्रता सेनानी बाघा जतिन की प्रतिमा, पुरी के देलांग में बौद्ध विद्वान दिगानगा की प्रतिमा, मलकानगिरी में तम्मा डोरा की प्रतिमाएं और भुबन में बाजीराव की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और प्रथम ओडिया शंकराचार्य श्रीधर स्वामी की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी।

विज्ञप्ति में मंत्री के हवाले से कहा गया कि इन लोगों ने ‘हमारी स्वतंत्रता और पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’

उन्होंने कहा कि अपने लेखन के माध्यम से उन्होंने ओड़िया भाषा और साहित्य को समृद्ध किया है तथा ओडिशा की संस्कृति और विरासत के मूल्यों को कायम रखा है।

मंत्री ने कहा, ‘‘चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो या भाषा और संस्कृति के संरक्षण की बात हो, हमारे नायकों का योगदान अमूल्य है और वे सम्मान के योग्य हैं।’’

उन्होंने कहा कि ये सभी हस्तियां हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

भाषा प्रीति मनीषा

मनीषा

 

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