भुवनेश्वर, दो अप्रैल (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत राज्य के सभी स्कूलों में पांच से छह साल के बच्चों को ‘प्री-स्कूल’ शिक्षा देने के लिए ‘शिशु वाटिका’ की शुरुआत की।
शिक्षा से रूबरू होने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों का सभी सरकारी स्कूलों में ‘शिशु वाटिका’ में ‘प्रवेश उत्सव’ या प्रवेशोत्सव के माध्यम से पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।
बाद में बच्चों को ‘खड़ी छुअन’ (चॉक को छूना) कार्यक्रम में शामिल किया गया, जिसमें उन्होंने पहली बार स्लेट पर कुछ लिखने का प्रयास किया।
शिशु-वाटिका पहल के तहत पांच-छह वर्ष की आयु के बच्चों को ‘प्री-स्कूल’ कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री यहां बडागडा हाई स्कूल की एक कक्षा में फर्श पर बैठे और एक बच्ची का हाथ पकड़कर उसे उसकी स्लेट पर ‘शून्य’ लिखने में मदद करते देखे गए। मुख्यमंत्री माझी पूर्व में शिक्षक रह चुके हैं।
माझी ने बाद में कक्षा नौ और 10 के बच्चों को भोजन परोसा। राज्य ने अप्रैल 2025 से कक्षा नौ और कक्षा 10 के छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन योजना शुरू की है।
माझी ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार ओडिशा के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए हमने एनईपी 2020 लागू किया है और राज्य भर के स्कूलों में शिशु वाटिका कार्यक्रम शुरू किए हैं। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘प्रवेश उत्सव’ और ‘खड़ी छुअन’ का आयोजन किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि शिशु वाटिका पहल बच्चों के आधुनिक, आत्मनिर्भर और सशक्त भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भाषा शोभना नरेश
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