महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोपी ओडिशा भाजपा नेता को नहीं मिली अग्रिम जमानत |

महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोपी ओडिशा भाजपा नेता को नहीं मिली अग्रिम जमानत

महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोपी ओडिशा भाजपा नेता को नहीं मिली अग्रिम जमानत

:   Modified Date:  November 14, 2024 / 05:45 PM IST, Published Date : November 14, 2024/5:45 pm IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को ओडिशा के विधायक और भाजपा नेता जयनारायण मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिन पर 2022 में संबलपुर कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारने का आरोप है।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने मिश्रा की याचिका खारिज कर दी, जिनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह कर रहे थे। पीठ ने कहा, “नेतृत्व के पदों पर बैठे लोगों को सार्वजनिक आचरण के लिए उदाहरण पेश करना होगा।”

मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत में चल रहे घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि पिछली बीजद सरकार ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “वे (बीजद) सरकार में थे और उन्होंने मेरे खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज कराया। यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है…।”

मिश्रा के खिलाफ आरोप 15 फरवरी, 2022 को सामने आए, जब संबलपुर कलेक्ट्रेट के बाहर भाजपा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया था।

विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा समर्थकों द्वारा धरना भी दिया गया था। जब महिला पुलिस अधिकारी आगे बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिये मिश्रा के पास पहुंचीं तो उन्होंने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की।

मामले में आरोप लगाया गया कि मिश्रा ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया, अधिकारी को अनुचित तरीके से छुआ तथा उसके गाल पर थप्पड़ मारा।

उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना, आपराधिक धमकी, मानहानि, अश्लीलता, गलत तरीके से रोकना और एक सरकारी कर्मचारी पर आपराधिक बल का प्रयोग करना शामिल है। नेता ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है तथा दावा किया है कि वह अधिकारी ही थीं जिसने उनके खिलाफ आक्रामक तरीके से काम किया।

ओडिशा उच्च न्यायालय द्वारा 16 नवंबर 2023 को जमानत अर्जी खारिज किये जाने के बाद मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना अनुचित है, क्योंकि कथित घटना दिनदहाड़े हुई और उसका वीडियो भी बना लिया गया।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन

 

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