भुवनेश्वर, 21 मार्च (भाषा) ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई। कार्यवाही कई बार स्थगित होने और हंगामा जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया।
प्रश्नकाल के लिए जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, आक्रोशित कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसान के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी और स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने का प्रयास किया।
कांग्रेस के सभी विधायक काले कपड़े पहनकर आए थे और घंटी तथा बांसुरी बजाकर स्पीकर का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे। वे महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए सदन की एक समिति के गठन की मांग कर रहे थे।
हंगामे के कारण स्पीकर ने पहले एक घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन जारी रहा जिससे कार्यवाही को दोबारा आधे घंटे के लिए 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
इस मुद्दे पर बीते कुछ दिनों से विधानसभा में लगातार हंगामा हो रहा है। इसी मुद्दे पर पिछले हफ्ते एक सप्ताह के लिए निलंबित कांग्रेस विधायक तराप्रसाद बहिनिपति ने सदन में वापसी कर विपक्ष का नेतृत्व किया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने कहा, ‘जब तक सदन की एक समिति इस मामले की जांच के लिए गठित नहीं होती, हम विधानसभा के अंदर और बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे।’
बहिनिपति ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए सदन की समिति की मांग करने पर मुझे सात कार्य दिवसों के लिए निलंबित कर दिया गया।’
इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) विधायक अरुण कुमार साहू ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर मीडिया की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष के प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो लेने से मीडिया को रोक दिया, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
विधानसभा में स्थिति सामान्य करने के लिए स्पीकर ने सभी दलों की बैठक बुलाई है।
भाषा राखी नरेश
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