Now toll plazas will not be seen on the roads, No need for FASTag

अब नजर नहीं आएंगे सड़कों पर टोल प्लाजा, FASTag की भी नहीं होगी जरुरत, टोल वसूली के लिए उठाये जा रहे नए कदम

अब नजर नहीं आएंगे सड़कों पर टोल प्लाजा, FASTag की भी नहीं होगी जरुरत, टोल वसूली के लिए उठाये जा रहे नए कदम Now toll plazas will not be seen

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : August 9, 2022/8:38 am IST

GPS System on Toll Plaza नई दिल्ली। आज के समय में देश डिजिटल की ओर अग्रसर हो रहा है। खाने पीने, रहने, शॉपिंग करने से लेकर यात्रा तक सब ऑनलाइन हो गया है। डिजिटलीकरण से केंद्र सरकार ने देश की जनता को राहत भरी सुविधा उपलब्ध कराई है। वाहन यात्रियों की बात करें तो अब जल्द ही सड़कों पर लगे टोल प्लाजा भी पूरी तरह आधुनिक सुविधा से लैस नजर आने वाले है। नए सिस्टम के तहत आने वाले समय में आपको सड़कों पर टोल प्लाजा नजर नहीं आएंगे। जिसके चलते जीपीएस के माध्यम से टोल वसूली की जाएगी।

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GPS System on Toll Plaza : FASTag अब जल्द ही बीते जमाने की बात हो जाएगी। सरकार अब टोल राजस्व संग्रह के लिए नई तकनीक पेश करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार का इरादा जीपीएस सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल कर टोल टैक्स लगाने का है। सूत्रों का दावा है कि भारत में इस समय नई पद्धति का परीक्षण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इस प्रणाली के अनुसार, एक कार राजमार्ग पर जितने किलोमीटर की यात्रा करेगी उसी आधार पर टोल का भुगतान किया जाएगा। इसलिए, किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से एक राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर तय की गई दूरी के आधार पर ही टोल का भुगतान करना होगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि टोल बूथों को पूरी तरह से जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली में बदल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चलने वाले वाहनों पर जीपीएस इमेजिंग के जरिए टोल वसूला जाएगा।

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GPS System on Toll Plaza : अभी टोल शुल्क की गणना इस आधार पर की जाती है कि कोई वाहन राजमार्ग पर कितने किलोमीटर का सफर तय करता है। हालाँकि, यूरोपीय देशों में GPS-आधारित दृष्टिकोण की सफलता के कारण, इसे भारत में भी अपनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट का परीक्षण किया जा रहा है।

वर्तमान में एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल प्लाजा तक की पूरी दूरी के लिए टोल वसूला जाता है। भले ही कोई वाहन पूरी दूरी की यात्रा नहीं कर रहा हो और किसी अन्य स्थान पर अपनी यात्रा समाप्त कर रहा हो तो भी उसे टोल का पूरा भुगतान करना पड़ता है।

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