Mid Day Meal me SChool Ke Baccho ko diya Jaega Chicken

अब स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में परोसा जाएगा चिकन, प्रति छात्र 20 रुपए अधिक खर्च करेगी यहां की सरकार

छात्रों को अब चार महीने तक हफ्ते में एक बार ये चीजें भी दी जाएंगी! Serve Chicken in Mid Day Meal Under PM-POSHAN Scheme

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Modified Date: January 6, 2023 / 10:14 AM IST
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Published Date: January 6, 2023 10:00 am IST

कोलकाता: Serve Chicken in Mid Day Meal स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले पोषक आहारा यानि मध्यान्ह भोजन को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरसअल ममता बनर्जी सरकार ने मिड डे मिल में अब पीएम पोषण के तहत अतिरिक्त पोषण के लिए चावल, आलू, सोयाबीन और अंडे के मौजूदा मिड डे मील मेनू के अलावा चिकन और मौसमी फलों को भी शामिल किया। बताया जा रहा है कि छात्रों को अब चार महीने तक हफ्ते में एक बार ये चीजें भी दी जाएंगी।

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Serve Chicken in Mid Day Meal मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल छात्रों को स्कूल में चावल, दाल, सब्जियां, सोयाबीन और अंडे दिए जाते हैं, लेकिन अब चिकन और मौसमी फलों को भी परोसा जाएगा। इस विशेष अभियान के लिए सरकार ने प्रति छात्र 20 रुपए खर्च करने का निर्णय किया है। बता दें कि राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.16 करोड़ से अधिक छात्र मिड डे मील योजना के लाभार्थी हैं, जिसके लिए राज्य और केंद्र 60:40 के अनुपात में खर्च साझा करते हैं। हालांकि, 371 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन पूरी तरह से राज्य द्वारा जारी किया गया है।

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वहीं दूसरी ओर ममता सरकार के इस कदम से राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है, जिसमें भाजपा ने सवाल किया कि इस साल होने वाले पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ऐसा निर्णय क्यों लिया गया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष पर “हर चीज में राजनीति करने” का आरोप लगाया।

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बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि “चुनाव से पहले स्कूली बच्चों को चिकन परोसने का निर्णय टीएमसी सरकार के हृदय परिवर्तन पर सवाल उठाता है। गरीब बच्चों को इन चीजों से वंचित क्यों रखा गया और अभी तक केवल चावल और दाल ही क्यों दी गई? इस फैसले से अगामी पंचायत चुनाव में वोट बटोरने के मकसद से राजनीतिक की बू आती है।”

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इस पर टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा आम लोगों के पक्ष में खड़ी रहती हैं और यह फैसला उस तथ्य की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा, “तृणमूल कांग्रेस एक जन-केंद्रित पार्टी है, भाजपा के विपरीत जो हर मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है। COVID महामारी और लॉकडाउन के दौरान हमारे राज्य ने सुनिश्चित किया कि बच्चे मिड डे मील से वंचित न हों। इसलिए उन्हें चावल, दाल, आलू और सोयाबीन स्कूल में तैयार करके नियमित रूप से दिया। तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमने मिड डे मील बंद नहीं किया।”

 

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