Sanskrit Subject in Madrasas

Sanskrit Subject in Madrasas : अब मदरसों के बच्चे भी लेंगे ‘श्लोक’ और ‘मंत्रों’ का ज्ञान.. बहुत जल्द होगी संस्कृत शिक्षा लागू, मदरसा बोर्ड ने खुद लिया ये निर्णय

Sanskrit Subject in Madrasas : मदरसा बोर्ड प्रदेश में 400 से अधिक मदरसों में वैकल्पिक तौर पर संस्कृत शिक्षा लागू करने की योजना बना रहा है।

Edited By :   Modified Date:  October 18, 2024 / 07:06 AM IST, Published Date : October 18, 2024/7:06 am IST

देहरादून। Sanskrit Subject in Madrasas : उत्तराखंड मदरसा बोर्ड प्रदेश में 400 से अधिक मदरसों में वैकल्पिक तौर पर संस्कृत शिक्षा लागू करने की योजना बना रहा है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने गुरुवार को बताया, हम इस योजना पर पिछले कुछ समय से काम कर रहे हैं। इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और अगर इसे राज्य सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गयी तो इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़े जाने की इच्छा के अनुरूप ऐसा किया जा रहा है।

read more : Hamas Leader Yahya Sinwar : आतंकवादी समूह को लगा बड़ा झटका.. मारा गया हमास के हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार, इजरायल की सेना ने बनाया निशाना 

अरबी और संस्कृत दोनों ही प्राचीन भाषाएं

Sanskrit Subject in Madrasas : कासमी ने कहा, प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठयक्रम लागू करने से इस साल बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं और पास होने वाले बच्चों का प्रतिशत 96 से अधिक रहा है। यह दिखाता है कि मदरसा जाने वाले बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर उन्हें मौका मिले तो वे संस्कृत समेत अन्य विषयों में भी अग्रणी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों ही प्राचीन भाषाएं हैं और अगर मदरसों के विद्यार्थियों को अरबी के साथ संस्कृत सीखने का भी विकल्प हो तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा। बोर्ड के रजिस्ट्रार शाहिद शमी सिद्दीकी ने कहा कि मदरसों में संस्कृत शिक्षा अभी केवल एक विचार है जिसके लागू होने का इंतजार है।

संस्कृत शिक्षा लागू करना अच्दा विचार

यह पूछे जाने पर कि क्या इस संबंध में बोर्ड द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा उनके संज्ञान में नहीं लाया गया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी कहा कि मदरसों में संस्कृत शिक्षा लागू करने का विचार निश्चित रूप से अच्छा है लेकिन उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मदरसा बोर्ड को इसे लागू करने से क्यों रोक रहा है। उन्होंने कहा, अगर वे वास्तव में ऐसा चाहते हैं, तो इसे आसानी से कर सकते हैं। मैं नहीं समझता कि इस मामले में उन्हें राज्य सरकार से मंजूरी मिलने में कोई अड़चन आएगी। शम्स ने यह भी कहा कि उनकी अध्यक्षता में वक्फ बोर्ड में कुछ समय पहले आधुनिक मदरसों का विचार आया था।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि धार्मिक शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन बच्चों को केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित रखना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसका मतलब उनकी क्षमता का गला घोंटना और उनके भविष्य के विकास के रास्ते बंद करना है। शम्स ने कहा कि सभी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें या उत्तराखंड बोर्ड का पाठयक्रम लागू करने से वहां पढ़ रहे बच्चों को देश की मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ने में मदद मिलेगी।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp