नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया है कि दिल्ली में सभी क्लासों के लिए स्कूल 1 नवंबर से खुलेंगे। सिसोदिया ने बताया कि DDMA बैठक में स्कूल खोलने पर निर्णय लिया गया। स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर जो पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं, उनके लिए भी अलग से प्रावधान किया है।
सरकार ने स्कूल खोलने के साथ ही यह नियम भी बनाया है कि स्कूल में वही स्टाफ ड्यूटी करेगा जिसने 100% वैक्सीन करा लिया हो। वहीं जानकारी के मुताबिक अभी तक 98% स्टाफ को कम से कम 1 डोज लग चुकी है।
सरकार ने इस दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ने के निर्देश दिए हैं। एक नवंबर से दिल्ली के निजी और सरकारी स्कूल सभी कक्षाओं के लिए कुछ शर्तों के साथ खोलने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा सरकार ने यह भी तय किया है कि कोई भी स्कूल बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। अभी भी पेरेंट्स की अनुमति के साथ ही स्कूल भेज सकेंगे। इसके अलावा स्कूल ये सुनिश्चित करेंगे कि पढ़ाई ऑफलाइन और ऑनलाइन चले। सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना है कि क्लास हाइब्रिड मोड पर 50 फीसदी क्षमता के साथ चलें।
इससे पहले दिल्ली में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खोले जा चुके हैं। इन स्कूलों में परीक्षाओं का संचालन कोविड-19 गाइडलाइंस और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया जा रहा है। स्कूलों में बच्चे फेस मास्क के साथ स्कूल आ रहे हैं। हालांकि किसी भी स्टूडेंट को अनिवार्य तौर पर स्कूल बुलाने की मनाही है। उन्हें पेरेंट्स के कंसेंट लेटर यानी लिखित सहमति के बाद ही स्कूल आने की अनुमति दी जाती है।
बता दें कि डीडीएमए का पिछला आदेश 30 सितंबर तक के लिए था. बीते अगस्त में दिल्ली आपदा प्रबंधन विभाग ने बैठक में स्कूलों को अलग-अलग चरणों में खोलने का फैसला किया था. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की थी कि कक्षा 9 से 12 के स्कूल 01 सितंबर से खुलेंगे और कक्षा 6 से 8 के लिए स्कूल 08 सितंबर से खोले जाएंगे।