मुंबई। Maharashtra Government on Waqf Board : एक ओर महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर महायुति में मंथन चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर सियासी हलचल के बीच राज्य वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपए के तत्काल आवंटन वाला फैसला वापस ले लिया गया है। कहा जा रहा है किसी त्रुटि के कारण ऐसा आदेश जारी हो गया था। अल्पसंख्यक विकास विभाग ने 28 नवंबर को इसका शासनादेश जारी किया था। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही वापस लिया है।
दरअसल, सरकार ने बजट में 20 करोड़ की निधि राज्य वक्फ बोर्ड को आवंटित की थी, जिसमें से 10 करोड़ रुपए शासन से वक्फ बोर्ड को देने का आदेश हुआ था। चुनाव से पहले जून में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने औरंगाबाद में वक्फ बोर्ड को 2 करोड़ रुपए का भुगतान किया था और घोषणा की थी कि शेष राशि का भुगतान बाद में किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, जीआर को उचित जांच के बिना गलती से जारी कर दिया गया था, जिसके कारण बोर्ड के लिए निधियों की गलत स्वीकृति हुई। इस फैसले के बाद महायुति के अहम दल बीजेपी की भौहें तन गई थी और उसने इस आदेश पर पर आपत्ति जताई थी। महायुति सरकार का मानना था कि इस फंड का उपयोग वक्फ भूमि के बेहतर प्रबंधन के लिए किया जाएगा, जिससे बोर्ड की कार्यप्रणाली और बुनियादी ढांचा मजबूत हो सके। इस फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी और युति सरकार को घेरा था।
चुनाव प्रचार के दौरान भी महायुति सरकार की प्रमुख सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वक्फ भूमि के प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी। चुनाव से पहले जून में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने औरंगाबाद में वक्फ बोर्ड को 2 करोड़ रुपये दिए थे और शेष धनराशि बाद में जारी करने का वादा किया था। इस कदम का विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने विरोध किया था।