बेंगलुरु: देशभर में गणपति का उत्सव् आज से शुरू हो चुका है। न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर उन देशो में यह पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है जहाँ हिंदू समुदाय के लोग निवासरत है। (Noto Se Saja Ganesh Ji Ka Pandal) हालांकि गणेश चतुर्थी को लेकर जिस तरह की विविधता और अनोखापन भारत में देखने को मिलती है ऐसा शायद ही कही और नजर आता हो।
अब बात विविधताओं की हो रही है तो हम आपको एक ऐसे गणेश पंडाल के बारे में बताने जा रहे है जो दूसरे पंडालों से अलग है, अनोखा है। दरअसल हम बात कर रहे है कर्नाटक की राजषानी बेंगलुरु में विरासजीत दुनिया के सबसे अमीर गणपति की। अमीर इसलिए क्योंकि आयोजकों ने पूरा पंडाल ही नोटों और सिक्को से सजा दिया है। अमूमन इस तरह का प्रयोग श्री गणेश जी की मूर्तियों में देखने को मिलता है लेकिन संभवतः यह पहला मौक़ा है जब पूरा का पूरा पंडाल ही नोटों से सुसज्जित नजर आ रहा हो। वही जिस किसी को भी यहाँ के इस अनोखे डेकोरेशन की जानकारी मिल रही है वह भगवान गणपति के आसान को देखने पंडाल पर पहुँच रहा है।
पूरी आयोजन का जिम्मा सम्हाल रहे प्रबंधकों के मुताबिक, गणपति शिर्डी साई न्यास ने पांच, 10 और 20 रुपये के सिक्कों की मालाएं तैयार की हैं। इसी के साथ-साथ 10, 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोटों की भी मालाएं तैयार की गई हैं। ये सभी मालाएं करीब ढाई करोड़ रुपये की हैं।
एक ने बताया कि करीब 150 लोगों की टीम ने एक महीने के दौरान सिक्कों और नोटों की मालाओं से मंदिर की सजावट की। उनके मुताबिक, इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जा रही है। (Noto Se Saja Ganesh Ji Ka Pandal) सिक्कों का इस्तेमाल कर कलात्मक चित्रण किया गया है। इनमें भगवान गणेश, ‘जय कर्नाटक’, ‘राष्ट्र प्रथम’, ‘विक्रम लैंडर’, ‘चंद्रयान’ और ‘जय जवान जय किसान’ की छवियां शामिल हैं। एक न्यासी ने बताया कि नोटों और सिक्कों से की गई यह सजावट एक हफ्ते के लिए रहेगी।
सुरक्षा के लिए लोहे की व्यवस्था भी
बगलोर के जेपी नगर स्थित इस सत्य गणपति मंदिर की सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं. ट्रस्टियों के मुताबिक, मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, इसके अलावा सुरक्षा गार्ड की भी व्यवस्था की गई है.