नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजस्थान की नोखा नगर पालिका की उस याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने खिलाफ जारी मध्यस्थता फैसले को चुनौती दी थी।
साल 2020 में एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में मध्यस्थता निर्णय पारित होने के बाद दिल्ली की एक जिला अदालत ने नोखा नगर पालिका के बकाया राशि के भुगतान में विफल रहने पर पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में उसके मलिकाना हक वाले ‘बीकानेर हाउस’ को कुर्क करने का आदेश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अपीलीय अदालत का रुख करने में देरी का हवाला देते हुए नोखा नगर पालिका की याचिका खारिज कर दी।
साल 2011 में मलजल शोधन संयंत्र के निर्माण के लिए जारी निविदा को लेकर एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड से हुए विवाद को लेकर नोखा नगर पालिका के खिलाफ मध्यस्थता (न्यायाधिकरण) में कार्यवाही शुरू की गई थी।
नगर पालिका द्वारा मध्यस्थता फैसले के तहत जिला अदालत में 92 लाख रुपये की राशि जमा कराने के बाद कुर्की आदेश की तामील पर रोक एक फरवरी तक बढ़ा दी गई थी।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में नोखा नगर पालिका ने कहा था कि मध्यस्थता की कार्यवाही बिना किसी क्षेत्राधिकार के की गई, क्योंकि पक्षों के बीच समझौते में कोई मध्यस्थता खंड नहीं था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए पारित किया गया, क्योंकि अपीलकर्ता को सुनवाई का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)