नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस ने विधानसभा चुनावों के दौरान ‘डीपफेक’ वीडियो और भ्रामक संदेशों के सोशल मीडिया पर प्रसार सहित इसके संभावित दुरुपयोग को रोकने और ऐसे भ्रामक एसएमएस की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अधिकारी विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा जारी की गई सामग्री पर कड़ी नजर रखेगा तथा लघु संदेश सेवा (एसएमएस) या सोशल मीडिया मंच के माध्यम से साझा किए गए आपत्तिजनक संदेशों से जुड़े चुनाव संबंधी मामलों की रिपोर्ट की निगरानी करेगा।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) विक्रमजीत सिंह को सोशल मीडिया निगरानी एवं साइबर अपराधों के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिकारी विभिन्न दलों की शिकायतों को देखेंगे, जिनकी गहन जांच की जाएगी। अगर आवश्यक हुआ तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। टीम चुनाव से संबंधित खूब प्रसारित होने की संभावना वाली सामग्री पर नजर रखने के लिए वास्तविक समय में सोशल मीडिया मंच की निगरानी करेगी।’’
पुलिस ने कहा कि ऐसे संदेश और ‘डीपफेक’ (कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके बनाए गए वास्तविक जैसे दिखने वाले लेकिन नकली वीडियो, ऑडियो, तस्वीर) वीडियो चुनाव संबंधी कानूनों और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करके चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की क्षमता रखते हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) के कार्यालय ने एक सार्वजनिक अनुरोध में लोगों से आग्रह किया है कि अगर उन्हें कोई आपत्तिजनक संदेश मिले तो वे तुरंत संबंधित ईमेल के माध्यम से इसकी सूचना दें।
हाल में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ पार्टी के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एआई-जेनरेटेड तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने के आरोप में पांच प्राथमिकी दर्ज कीं।
भाषा सुरभि पवनेश
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