बेलगावी (कर्नाटक), 23 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधान पार्षद(एमएलसी) सी टी रवि द्वारा उनके खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने के मामले में न्याय के लिए अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगी।
हेब्बालकर ने कहा कि वह विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगी।
उन्होंने कहा कि रवि को किसी भी कीमत पर माफ करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी न्याय की मांग करेंगी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे अवसर मिला तो मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी और मेरे साथ हुए अन्याय को उनके संज्ञान में लाऊंगी।’’
कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 19 दिसंबर को हेब्बालकर ने रवि पर विधान परिषद में उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। हेब्बालकर की शिकायत के आधार पर उन्हें उसी दिन शाम को गिरफ्तार कर लिया गया और बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ के परिसर से पुलिस वैन में ले जाया गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को रवि की तत्काल रिहाई के लिए अंतरिम आदेश पारित किया।
हेब्बालकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दो दिन से मैं चुप थी क्योंकि मैं सदमे में थी। मैंने पहले कभी किसी से ऐसी बात नहीं सुनी। मैं अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए राजनीति में आगे आई हूं। मेरे करियर में मेरे लिए कभी कोई लाल कालीन नहीं बिछा था। मैं 26 साल तक संघर्ष करके इस स्तर तक पहुंची हूं।’’
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र, विपक्ष के नेता आर अशोक और उनके पंचमसाली लिंगायत समुदाय के भाजपा नेताओं बसंगौड़ा पाटिल यत्ना एवं अरविंद बेलाड को देखकर दया आती है जो एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं, जिसने एक महिला को ‘‘अपमानित’’ महसूस कराया
उन्होंने कहा, ‘‘वे राजनीति और अपनी पार्टी की खातिर ऐसा कर रहे हैं। राम-राम का जाप करने वाले भाजपा नेताओं को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने (रवि ने) यह (अपमानजनक शब्द) कहा था। उन्होंने यह मेरे लिए इस्तेमाल किया गया था और मैंने उसे सुना था लेकिन रवि पूरे राज्य में घूम रहे हैं और उन्हें माला पहनाई जा रही है तथा उनका महिमामंडन किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई अंतरात्मा है तो उन्हें अपने परिवार की महिलाओं से कहना चाहिए कि वह खुद को दोषी महसूस कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि वह कुछ दिनों से सदमे में थीं और वह ‘‘अन्याय’’ के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं रोकेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर विधान परिषद के सभापति के समक्ष अपील प्रस्तुत करूंगी। उन्होंने मीडिया के समक्ष कहा है कि उनके पास (अपमानजनक शब्द के इस्तेमाल के बारे में) कोई वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं है, क्योंकि सदन में रिकॉर्डिंग में आवाज बंद थी, लेकिन उन्होंने मीडिया में कुछ रिकॉर्डिंग देखी हैं। मेरे पास भी सबूत हैं, मैं भी उन्हें जारी करूंगी।’’
उन्होंने कहा कि रवि को किसी भी कीमत पर माफ करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लड़ूंगी और लक्ष्मी हेब्बालकर तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक उन्हें (रवि को) इस अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कर महिला समुदाय का अपमान करने की सजा नहीं मिल जाती।’’
पुलिस हिरासत में रवि को कथित चोट लगने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा, ‘‘उन्हें कैसी चोट लगी है? कितनी चोट लगी? कितने टांके आए हैं? उन्होंने अपने सिर पर पट्टी बांध रखी है… मुझे रवि के शब्दों से दुख हुआ, लेकिन मैं ऐसे सौ रवियों का सामना करने के लिए तैयार हूं।’
भाषा सिम्मी माधव
माधव
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