कोझिकोड (केरल), 16 सितंबर (भाषा) केरल में शनिवार को निपाह वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया, जबकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए पांच और लोगों में बीमारी के कुछ लक्षण दिखे, जिन्हें मेडिकल अस्पताल में पृथक-वास में भर्ती कराया गया है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शाम को एक प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य के लिए राहत की बात यह है कि संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि परीक्षण के लिए भेजे गए 51 नमूनों के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।
मंत्री ने यह भी कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए पांच और लोगों को निपाह संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके नमूने भी परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।’’
फिलहाल राज्य में निपाह संक्रमण के छह मामलों की पुष्टि हो चुकी है। छह में से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। मंत्री ने कहा कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध लोगों की संख्या बढ़कर 1,192 हो गई है, जिनमें से 97 लोगों का शनिवार को पता लगाया गया।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, अब तक निषिद्ध क्षेत्रों में 22,208 घरों की निगरानी की गई है। जॉर्ज ने यह भी कहा कि अब तक के सभी मामले पहले संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के कारण आए जिनकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘अभी कोई दूसरी लहर नहीं आई है। यह स्वागत योग्य खबर है।’’ प्रेस वार्ता में राज्य के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास भी मौजूद थे।
इससे पहले, जॉर्ज ने कहा कि निपाह वायरस से प्रभावित पहले व्यक्ति की पहचान करने के बाद राज्य सरकार ने उसके मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर उस स्रोत और स्थान की तलाश शुरू कर दी जहां से वह संक्रमित हुआ था।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह व्यक्ति कहां और कैसे संक्रमित हुआ। वहीं, केंद्रीय टीम वायरल लोड का पता लगाने के लिए चमगादड़ के नमूने एकत्र कर रही है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि वायरस के प्रकोप से निपटने के राज्य के प्रयासों की केंद्रीय टीम ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर पर आश्रित नौ साल के लड़के सहित सभी मरीज की हालत स्थिर है।
मंत्री ने कहा कि संक्रमित सभी लोग संक्रमण की पहली लहर में प्रभावित हुए हैं। संक्रमण के ये मामले दो समूहों में आए हैं। एक समूह में उस व्यक्ति के परिवार के दो सदस्य हैं जो पहला मामला था और दूसरा वे व्यक्ति हैं जो अस्पताल में उनके संपर्क में आए थे।
वायरस के खिलाफ एकमात्र संभावित दवा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों के मुताबिक उपचाराधीन मरीजों को इसकी जरूरत नहीं है।
हालांकि, राज्य ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आयात करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर केंद्र के सहयोग का अनुरोध किया और इसका आश्वासन दिया गया।
सुबह की प्रेस वार्ता में जॉर्ज के साथ मौजूद रियास ने कहा कि नियंत्रण कक्ष, कॉल सेंटर और कार्यकर्ता लोगों में विश्वास पैदा करने और वायरस के बारे में जागरूकता पैदा करने का उत्कृष्ट काम कर रहे हैं।
कोझिकोड शहर की महापौर बीना फिलिप ने कहा कि उन सभी वार्ड को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है जहां पहला मामला सामने आया था।
केंद्र ने शुक्रवार को निपाह से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का फैसला किया।
केरल स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कहा था कि उसने संक्रमित रोगियों की संपर्क सूची में कुल 1,080 लोगों की पहचान की है और नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया है। विभाग ने पूर्व में कहा था कि संक्रमित व्यक्तियों की उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में शामिल सभी लोगों की जांच की जाएगी।
यह चौथी बार है जब राज्य में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्ष 2018 और 2021 में कोझिकोड में तथा 2019 में एर्नाकुलम में इसका पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर के अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण से ग्रस्त है।
भाषा आशीष माधव
माधव