‘‘अरावली पहाड़ी में खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए न्यायालय की मंजूरी के बिना अंतिम मंजूरी नहीं’’ |

‘‘अरावली पहाड़ी में खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए न्यायालय की मंजूरी के बिना अंतिम मंजूरी नहीं’’

‘‘अरावली पहाड़ी में खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए न्यायालय की मंजूरी के बिना अंतिम मंजूरी नहीं’’

:   Modified Date:  July 23, 2024 / 06:33 PM IST, Published Date : July 23, 2024/6:33 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अरावली पर्वतमाला वाले राज्यों को सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व मंजूरी लिए बिना खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए अंतिम मंजूरी देने की अनुमति नहीं होगी।

अरावली की पहाड़ियां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैली हुई हैं।

खनन लाइसेंसों के नवीनीकरण के लिए दो नए आवेदनों पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने संबंधित राज्य सरकारों को विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने सहित पट्टों के नवीनीकरण के प्रस्तावों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, ‘…हम आगे निर्देश देते हैं कि इस अदालत की पूर्व मंजूरी प्राप्त किए बिना खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए कोई अंतिम अनुमति नहीं दी जाएगी।’

उच्चतम न्यायालय ने वस्तुतः 9 मई के अपने आदेश को दोहराया, जिसमें कहा गया था कि अरावली पर्वतमाला के राज्यों को वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने सहित खनन पट्टों के अनुदान और नवीनीकरण के लिए आवेदनों पर विचार करने की स्वतंत्रता होगी, लेकिन 25 अगस्त, 2010 की भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) रिपोर्ट में परिभाषित पहाड़ी श्रृंखला में खनन के लिए अदालत की अनुमति के बिना कोई अंतिम अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा था, ‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस आदेश को किसी भी तरह से वैध खनन गतिविधियों पर रोक नहीं समझा जाएगा, जो वैध परमिट/लाइसेंस के अनुरूप किए जा रहे हैं।’

भाषा अविनाश नरेश

नरेश

 

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