NEET UG में प्रश्नपत्र लीक होने का कोई प्रमाण नहीं, शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा 'NTA में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार' |

NEET UG में प्रश्नपत्र लीक होने का कोई प्रमाण नहीं, शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा ‘NTA में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार’

NEET-UG question paper leak: नीट-यूजी में प्रश्नपत्र लीक होने का कोई प्रमाण नहीं, एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार : प्रधान

Edited By :   Modified Date:  June 13, 2024 / 05:03 PM IST, Published Date : June 13, 2024/4:40 pm IST

NEET-UG question paper leak: नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक’ (नीट-यूजी) में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी छात्र का नुकसान नहीं हो। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने चार जून को नीट-यूजी के परिणाम घोषित किए।

प्रधान ने दूसरी बार केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘नीट-यूजी में प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं है। एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं। यह बहुत ही प्रामाणिक संस्था है। यह उच्च शिक्षा स्तर पर परीक्षाओं के अलावा हर साल 50 लाख से अधिक स्कूली छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करती है।’

उनका बयान ऐसे दिन आया है जब एनटीए ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि नीट-यूजी (2024) के 1,563 अभ्यर्थियों को कृपांक (ग्रेस मार्क) देने के फैसले को निरस्त कर दिया गया है और उन्हें 23 जून को पुन: परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।

NEET-UG question paper leak

प्रधान ने कहा कि यदि ये छात्र पुन: परीक्षा नहीं देना चाहते तो परिणाम में उसके मूल अंकों को शामिल किया जाएगा जिसमें कृपांक जुड़े नहीं होंगे। पहले दिए गए कृपांक एनटीए की मर्जी से नहीं थे, बल्कि उच्चतम न्यायालय के एक फॉर्मूले पर आधारित थे, उन गणनाओं का एक आधार है। अगर कोई विसंगति है, तो उसे सुधारा जाएगा और हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र का नुकसान नहीं हो।’’

मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं और अंकों में वृद्धि के आरोपों को लेकर एनटीए आलोचनाओं के घेरे में है।

शिक्षा मंत्रालय ने 1,563 छात्रों को दिए गए कृपांक की समीक्षा करने के लिए पिछले सप्ताह चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।

प्रधान ने कहा कि समिति की अध्यक्षता यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी ने की और उसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के सचिव के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि समिति ने प्रत्येक शिकायत की समीक्षा की और उसके बाद समिति ने अपनी सिफारिशें कीं। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि नीट-यूजी, 2024 की शुचिता प्रभावित हुई है। हालांकि एनटीए ने इस आरोप को नकार दिया।

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