नई दिल्ली: नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) की संयुक्त बैठक में शुक्रवार को नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सर्वसम्मति से नेता सदन के रूप में चुन लिया गया है। अब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। 9 जून की शाम 6 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। पीएम मोदी की जब संसद के सेंट्रल हॉल में एंट्री पर सांसद, मुख्यमंत्री और भाजपा, तेदेपा व जदयू के नेता समेत एनडीए घटक दल के नेताओं ने ताली बजाकर स्वागत किया। पीएम सबसे पहले संविधान को नमन करने पहुंचे। यहां उन्होंने हाथ जोड़े। फिर संविधान को माथे से लगाया और सिर रखकर प्रणाम किया।
VIDEO | Bihar CM and JD (U) president Nitish Kumar (@NitishKumar) greeted Narendra Modi after concluding his speech at NDA Parliamentary Party meeting.
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(Source: Third Party) pic.twitter.com/DJq7yGin1y
— Press Trust of India (@PTI_News) June 7, 2024
वही अपने सम्बोधन के बाद जब नीतीश वापस लौटे तो उन्होंने नरेंद्र मोदी के पेअर छूने का प्रयास किया लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन्हें गले लगा लिया।
हम हमेशा साथ रहेंगे
सांसदों को सम्बोधित करने पहुँच जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। इसके अलावा उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर भी तीखा प्रहार किया। नीतीश ने कहा कि इस बार के परिणाम में कुछ इधर-उधर के लोग भले जीत गए हैं लेकिन अगली बार वे अब हारेंगे। नीतीश ने कहा कि हम सभी खुश हैं कि आपने नेतृत्व में काम करेंगे। जो रुके हुए काम हैं उन्हें जल्दी पूरा किया जाएगा। नीतीश ने कहा कि वह चाहते थे कि आप आज ही शपथ लेकर काम शुरू कर दें लेकिन आपकी जब इच्छा तब शपथ लीजियेगा। काफी सारे काम आपने किये है और काफी करना हैं। वह भरोसा दिलाते हैं कि हम हमेशा साथ रहेंगे और एकसाथ मिलकर देश के विकास के लिए काम करेंगे।
यह विश्वास का सेतु: नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी ने सेन्ट्रल हॉल ने नए सांसदों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने परिश्रम किया हैं, इतनी भयंकर गर्मी का सामना किया उन हर दल के कार्यकर्ताओ के पुरुषार्थ को प्रणाम करता हूँ। यह मेरा सौभाग्य हैं कि एनडीए के नेता के तौर पर आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर एक नई जिम्मेदारी दी हैं और इसके लिए मैं आपका आभारी हँ
निजी जीवन में एक जवाबदारी का एहसास करता हूँ। जब 2019 में बोल रहा था.और तब मैंने एक बात पर बल दिया था विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व देते है तो इसका मतलब है कि हम दोनों के बीच विश्वास का सेतु इतना मजबूत हैं कि यह अटूट रिश्ता विश्वास की धरातल पर हैं। यह सबसे बड़ी पूँजी हैं। यह पल भावुक करने वाला हैं। जितना धन्यवाद करूँ वह कम हैं।