नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने पुनर्विचार याचिका में कहा था कि अक्षय को फांसी इसलिए दी जा रही है क्योंकि ये गरीब है। इस मामले में सब कुछ राजनीतिक एजेंडा की तरह हो रहा है।
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सुनवाई के दौरान वकील ने याचिका को पढ़ते हुए वेद पुराण, त्रेता युग का जिक्र किया और कहा कि कलयुग में लोग केवल 60 साल तक जीते है जबकि दूसरे युग में कही ज्यादा। वहीं, निर्भया के मौत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अस्पताल में लापरवाही से मौत हुई है। इसके अलावा दोषी राम सिंह की आत्महत्या का भी मुद्दा उठाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। pic.twitter.com/bht6zt2WSj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2019
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इस बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की शुरुआत की। मेहता ने कहा कि पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। इस मामले में निचली अदालत, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुना दिया है। ये मामला फांसी का फिट केस है। इस मामले में दोषियों को फांसी ही मिलनी चाहिए।
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