नई दिल्ली। देश में एक खतरनाक वायरस दाखिल हो चुका है। निपाह नामक इस वायरस से केरल के स्थानीय मीडिया के अनुसार कोझीकोड में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने सिर्फ 3 मौतें होने की बात कही है। मरनेवालों में एक ही परिवार के 4 लोग और इलाज कर रही एक नर्स भी शामिल है। जबकि 4 की हालत गंभीर है।
पुणे स्थित वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने खून के तीन नमूना में निपाह वायरस होने की पुष्टि की है। इसे देखते हुए केरल सरकार ने नेशनल सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) से मदद की गुहार लगाई है। एनसीडीसी की टीम केरल पहुंच गई है। यह टीम निपाह वायरस से प्रभावित इलाकों में दौरा कर जांच करेगी।
यह भी पढ़ें : राजनाथ ने मंत्रालय में ली बैठक, नक्सल रणनीति पर की चर्चा
बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केरल में निपाह वायरस की सक्रियता को देखते हुए एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी बीमारी की पूरी जांच में जुट गई है। इस बात के लिए भी कोशिश की जा रही है कि ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में न आ सकें।
ये है निपाह वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, यह वायरस चमगादड़ से फलों में और फिर फलों से इंसानों और जानवरों तक पहुंचता है। पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह इलाके में ऐसे मामले सामने आए थे, इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। सबसे पहले इसका असर सुअरों में पाया गया।
2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है।
इस वायरस से प्रभावित व्यक्ति को पहले सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है। तेज बुखार आता है। वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है। हालांकि इसका इंसान या जानवरों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। इससे प्रभावित शख्स को आईसीयू में रखकर इलाज करना होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए। पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
वेब डेस्क, IBC24